जानें,सूर्य ग्रह के प्रभाव
सूर्य बराबर लंबाई-चैड़ाई वाला, थोडे बालों वाला, बहादुर, चुप-चुप-सा रहने वाला, अपने फन का माहिर, खूबसूरत शक्लोसूरत वाला, सांवला भी ऐसा, जिससे लाली टपकती दिखे, शहद की तरह आंखों वाला, पित्त-दोष वाला एवं नाटे कद का लड़ाकू होता है। अगर अकेला सूर्य जन्मकुंडली में हो और उस पर किसी दूसरे ग्रह की दृष्टि न हो तो जातक अपने बलबूते पर आगे बढ़कर दौलतमंद बनता है।
सूर्य के शत्रु शुक्र, शनि और राहु-केतु है बृहस्पति, चंद्र और मंगल इसके मित्र हैं। मित्रों के साथ मिलाप होने पर सूर्य की शक्ति बढ़ती है । तब यह उत्तम फल देता है। वैसे शत्रुओं के मिलाप या टकराव से सूर्य सदा मंदा फल देता है। सूर्य के साथ बुध के मिलने पर सूर्य की शक्ति बढ़ती है। सूर्य के शरीर के साथ बुध की लड़की का मिलाप होने पर गृहस्थ रूपीजीवन की शुरूआत होती है और आदमी में नई ताकत आ जाती है।
बुध का साथ होने पर एक ओर जहां सूर्य को महानता आकौर ताकत आ जाती है, वहीं दूसरी ओर बुध का दोष भी सूर्य के मिलने पर दूर हो जाता है। सभी ग्रहों में सूर्य ही एक ऐसा ग्रह है, जिसे वक्त का पाबंद कहा जा सकता है।