अशुभ ग्रहों से बचाव के लिए विशेष उपाय
सूर्य – यदि सूर्य अशुभ हो तो एक ही आकार और वजन के तांबे के तीन टुकड़े दें।तीसरा टुकड़ा जीवनभर अपने पास रखें। यह टुकड़ा किसी भी कीमत पर न बेचें। ऐसा करने से सूर्य का अशुभ प्रभाव दूर हो जाएगा। यदि तांबे का यह टुकड़ा खो जाए तो पुनःटुकड़ा लाकर अपने पास रखें। दूसरी बार उसे पानी में प्रवाहित करने और दान करने की जरूरत नहीं है।
चन्द्र – यदि चंद्र अशुभ या प्रतिकूल हो तो सच्चा मोती,चांदी का टुकड़ा या चावल अपने साथ रखें।
मंगल – यदि मंगल अशुभ हो तो लाल पत्थर यानी अकीक अपने पास रखें।
बुध – बुध अशुभ हो तो हीरा अपने पास रखें।
बृहस्पति – बृहस्पति अशुभ हो तो सोना या केसर अपने पास रखें।
शुक्र – शुक्र अशुभ हो तो लोहा,काला नमक और काला सुरमा धारण करें।
राहु – राहु अशुभ हो तो सच्चा मोती,चांदी का टुकड़ा या बासमती साबुत चावल सदैव अपने पास रखें
ग्रहों का महत्व
दैनिक जीवन में विभिन्न ग्रह मानव-जीवन पर अपना-अपना शुभ-अशुभ प्रभाव डालते रहते हैं। ऐसे में इन ग्रहों का महत्व नकारा नहीं जा सकता। इन ग्रहों के प्रकोप को समाप्त करने के लिए जातक उपाय कर सकते हैं। इसके विपरीत रोग होने की संभावना बढ़ जाती है,जो संबंधित ग्रह के कारण ही उत्पन्न होता है।
नीच ग्रहों के उपाय
दिन के अनुसार नीच ग्रहों के निवारणार्थ कुछ उपाय निम्नलिखित हैं-
सोमवार(चंद्र)- यदि जातक का चंद्र नीच का हो तो सोमवार को दुध-चावल का भोजन करें। चांदी का वरक खाएं। सफेद वस्त्र पहनें। सफेद चन्दन एवं मोती का इस्तेमाल करें
मंगलवार (मंगल) – मंगलवार के दिन मंगली या मंगल (बद) जातकों को मसूर की दाल नहीं खानी चाहिए। उस दिन पानी में रेवाड़िया प्रवाहित करें। बालकों एवं बन्दरों को प्रसाद बांटे। उच्च मंगल वाले लोग मंदिर में लड्डू चढ़ाएं तथा स्वयं भी खाएं। अपनी जेब में लाल रूमाल रखें।
बुधवार(बुध) – यदि बुध नीच का हो तो जातक घर पर चौड़े पत्ते वाले पौधे,चक्की तथा बांस इत्यादि न रखें। नाक छिदवाकर उसमें 100 दिन तक चांदी पहनें। मंगलवार की रात को मूंग भिगोकर रखंे। और बुधवार को प्रातःकाल वह मूंग जानवरों को खाने के लिए दे दें।
बृहस्पतिवार (बृहस्पति)- बृहस्पतिवार के दिन ब्राह्माण की पीले वस्त्र दान करें। चने की दाल तथा हल्दी की चार गांठ जल में प्रवाहित करें।
शुक्रवार (शुक्र) – शुक्रवार के दिन दही एवं लाल ज्वार धर्म-स्थान में चढ़ाएं। सफेद-रेशमी वस्त्र का दान करें। शुक्र को ऊंचा करने के लिए बादाम और शनि की वस्तुओं को सेवन करें।
शनिवार (शनि)- नीच शनि वाले व्यक्ति शनिवार के दिन तेल,शराब,उड़द,मांस एवं अंडा इत्यादि का सेवन न करें। उस दिन उड़द,तेल,काला वस्त्र,आदि का दान करें। तेल या शराब बहते पानी में प्रवाहित करें।
रविवार (सूर्य)- सूर्य को उच्च करने के लिए रविवार के दिन गुड़ से बने चावल-दूध खाएं। साथ ही गेहूं भूनकर गुड़ मिलाकर स्कुल के बच्चों को बांटें। गले में तांबे का पैसा पहनें। लाल कपड़े में गेहूं,गुड़,सोना इत्यादि बांधकर दान करें।
शनिवार-बुधवार(राहु) – राहु नीच वाले जातकों को काले कपडे़ नहीं पहनना चाहिए। नीली-काली टोपी तथा पगड़ी भी न धारण करें। जेब में चांदी का चौाकोर पत्तर रखें।बादाम,सिक्का (लेड),जौ और सरसों राहु की वस्तुएं हैं।
बृहस्पतिवार (केतु) – यदि केतु नीच का हो तो जातक स्वर्ण भस्म एवं केसर खाएं। सोना पहनंे तथा काला-सफेद कुत्ता पालें। पुरोहित को केले,गेहूं,स्वर्ण,गुड़ और काला-सफेद कम्बल दान करें।