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किसे पहनना चाहिए जमुनिया रत्न ? जानें इसके फायदे और नुकसान

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किसे पहनना चाहिए जमुनिया रत्न ? जानें इसके फायदे और नुकसान

Jamuniya stone ke fayde aur nuksan : आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसे रत्न के बारे में बताने वाले हैं जो की बहुत ही पवित्र माना जाता है। ऐसी कई मान्यताएं हैं जो इस रत्न को और भी खास बनाती हैं। यह रत्न में बाजारों में बहुत ही महंगा बिकता है तथा साथ ही साथ इस रत्न को पहनने का एक उचित समय एवं दिन है।

आज के इस लेख में हम आपको जमुनिया रत्न से जुड़े लाभ, नुकसान, बाजारों में इसकी कीमत क्या है? तथा इसे कैसे धारण किया जाता है? इत्यादि चीजों के बारे में बताएंगे और यदि आप जमुनिया रत्न से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आपको जमुनिया रत्न के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।

जमुनिया रत्न के फायदे

जमुनिया रत्न कोई व्यक्ति सही तरीके से धारण करता है, तो जल्द ही उसकी किस्मत चमक सकती है क्योंकि यह रत्न नीलम रत्न की भांति ही जल्द ही अपना कार्य प्रारंभ कर देता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस रत्न को सही तरीके से धारण करते हैं उनके जीवन में उनको कई परिस्थितियों से छुटकारा मिलता है।

जैसे कि बार-बार नुकसान होना, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है, रीढ़, कमर दर्द, घुटने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

शनि प्रकोप का प्रभाव मनुष्य के जीवन पर पड़ता है। ऐसे ही यदि कोई व्यक्ति जमुनिया रत्न को सही तरीके से धारण करता है तो उसे उसके फायदे जल्द ही नजर आने लगते हैं।

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जमुनिया रत्न लोगों के वैवाहिक जीवन को भी सुधारता है और व्यापार में होने वाले हानि से भी बचाता है। व्यापार में लाभ एवं नौकरी मिलने के चांसेस बढ़ जाते हैं। जमुनिया रत्न के फायदे ही जमुनिया रत्न को और भी खास बनाते हैं।

जमुनिया रत्न से नुकसान

कभी-कभी जमुनिया रत्न से जातक को लाभ ना होकर नुकसान भी होने लगता है। इस के निम्न कारण हो सकते हैं। जैसे कि यह रत्न जिस जातक के द्वारा पहना गया है उसे उसने गलत तरीके अर्थात बिना शुद्ध किए धारण कर लिया हो। जिसकी वजह से जातक को प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

क्योंकि रत्नों की यह खासियत होती है कि वह प्रत्येक ऊर्जा को सूचित करता है चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक हो तथा जमुनिया रत्न के प्रतिकूल प्रभाव का यह कारण भी हो सकता है कि वह रत्न जो जातक में धारण किया है उस रखना को पहले भी किसी के द्वारा उपयोग में लाया जा चुका है जिसके कारण से उसकी नकारात्मक ऊर्जा उसमें अवशोषित हो गई है जिसके कारण से जातक को लाभ के स्थान पर हानि मिल रही है।

तथा तीसरा कारण यह भी हो सकता है कि जातक के जन्म पत्रिका अर्थात जन्म कुंडली का विश्लेषण विस्तृत तरीके से नहीं किया गया है जिसकी वजह से या देखने को मिल सकता है कि जमुनिया रत्न का प्रभाव जातक के रूप पर प्रतिकूल हो रहा है।

क्योंकि रत्न यदि अपने साथ अनुकूल प्रभाव के साथ-साथ प्रतिकूल प्रभाव को भी अपने अंदर रखते हैं जो व्यक्ति को बहुत हानि पहुंचा सकती है। जिसके कारण से जन्मपत्रिका के विभिन्न भाव में स्थित ग्रहों की स्थिति के प्रतिकूल इन रत्न का उपरत्न को धारण किया गया हो जिससे जातक को विध्वंसक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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नीचे हमने जमुनिया रत्न से होने वाले कुछ नुकसान निम्नलिखित दिए हैं।

  • धारण कर्ता अचानक से मानसिक दबाव में आने लगता है। विभिन्न प्रकार की मानसिक चिंता है उसे चारों तरफ से घेरे रहती हैं, जिसके कारण से व्यक्ति का मन किसी भी कार्य में नहीं लगता है और वह चिड़चिड़ा सा रहने लगता है और वह प्रत्येक क्षण उलझन में रहता है।
  • इस रत्न के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति को डरावने सपने आना तो जैसे आम बात हो जाती है और उसे अनिद्रा की समस्या बनी रहती हैं।
  • व्यक्ति के मन में प्रत्येक क्षण किसी ने किसी चीज को लेकर भय बना रहता है जिसके कारण से उसकी मानसिक शांति मानो नष्ट हो जाती है। व्यक्ति ना चाहते हुए भी अपनी उर्जा को डर के कारण को सोचने में व्यर्थ कर देता है।
  • आकस्मिक शत्रु आघात के चांसेस बहुत बढ़ जाते हैं। चाहे वह शत्रु प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जिसके कारण से जातक को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है। जातक के भेद को लेकर शत्रु से और अधिक हावी हो जाते हैं।
  • कभी-कभी ऐसा होता है कि जातक का व्यापार या काम धंधा, नौकरी भी छूट सकती है। जातक के मन में कई भ्रामक बातें पैदा कर दी जाती हैं जिससे कि जातक की छवि धूमिल हो जाती है और उसका लोगों पर से विश्वास उठ जाता है और घर में कलेश बना रहता है अर्थात घर में झगड़े होते रहते हैं।
  • स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। जातक अक्सर प्रत्येक समय बीमारियों से ग्रसित रहने लगता है।
  • दुर्घटना होने का अभी चांस बढ़ जाता है। चोट लगने एवं जलने की समस्या कम हो जाती है एवं वाहन दुर्घटना के अधिक परिणाम निकल सकते हैं।
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जमुनिया रत्न को कौन-कौन धारण कर सकता है?

जमुनिया रत्न को प्रत्येक व्यक्ति धारण कर सकता है, जो शनि दोष से पीड़ित है और उसके निवारण का मार्ग ढूंढ रहा है तो वह व्यक्ति जमुनिया रत्न को धारण कर सकता है तथा साथ ही साथ वृषभ ,तुला ,मकर तथा कुंभ राशि वाले लोग इस जमुनिया रत्न को धारण कर सकते हैं।

परंतु उन्हें इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि इस रत्न को धारण करने से पहले उन्हें किसी विद्वान ज्योतिष जो रत्नों के बारे में अच्छी तरीके से जान ले और उसकी सलाह अवश्य ले लें।

जमुनिया रत्न को lधारण करने की विधि

हमने ऊपर आपको बता ही दिया था कि जमुनिया रत्न शनिदोष को कम करता है अर्थात शांत करता है अर्थात यह रत्न शनिदेव का रत्न है।

जमुनिया रत्न को धारण करने के लिए सबसे पहले आपको शनिवार के दिन प्रातः काल उठकर स्नान कर लेना है एवं स्नान करने के पश्चात शनिदेव की पूजा करनी है।

शनिदेव की पूजा करने के पश्चात आपको इस जमुनिया रत्न से बनी अंगूठी को गंगा जल में डुबोकर रख देना है एवं उसके पश्चात आपको शनि देव के मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जप करें। आपको जमुनिया रत्न से बनी अंगूठी को अपने दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लेना है।