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जानें, क्या होता है स्व ऋण ?

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जानें, क्या होता है स्व ऋण ?

स्व ऋण,यदि सूर्य पांचवें घर में हो तो जातक स्व ऋण से पीड़ित होता है।कारण- जातक का नास्तिक होना और खानदानी रस्मो-रिवाजों को न मानना। उसके घर के भूगर्भ जमीन के धरातल के अंदर में अग्निकुंड बना हो या उस घर में सूर्य की रोशनी छत में से आ रही हो।पहचान- जातक स्वयं की पहचान पर अतुल धन-सम्पत्ति अर्जित करता है या मान-सम्मान के कारण प्रसिद्धि-ख्याति मिलती है। औरत, दौलत एवं शोहरत चुटकियों में प्राप्त हो जाती है।

अनिष्ट फल- अकस्मात् ही विनाश लीला शुरू होती है। दौलत, शोहरत तथा औरत चुटकियों में खाक हो जाती है। पशुओं का खोना या मरना शुरू हो जाता है। जातक का शरीर निर्बल हो जाता है। मुंह में हमेशा गीलापन-सा महसूस होता है।

यह घटना तब शुरू होती है, जब जातक के पुत्र की उम्र 12 साल के अन्दर होती है।उपाय-प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करें।सभी रिश्तेदारों से धन इकट्ठा करके यज्ञ करें। किसी कार्य को शुरू करने से पहले मुंह मीठा करें और कुछ घूट पानी पिएं। फिर कार्य को अंजाम दें। अवश्य ही लाभ होगा।