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जानें,मेष लग्न की खास बातें…

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मेष लग्न

मेष लग्न की कुण्डली में शनि दशम भाव व एकादश भाव का स्वामी होता हैै क्योकि 10 व 11 नम्बर की राशि कर्म व लाभ स्थान मे है। इसलिए जो राशि जिस भाव से होती है उस राशि का स्वामी उस भाव का स्वामी होता है। दोनो शुभ भावों का स्वामी शनि इस लग्न के लिए शुभ नही माना गया है क्योकि लग्न का स्वामी मंगल शनि का शत्रु होता है । इसलिए पराशर नियमों के मुताबिक यह मंगल की महादशा मे अच्छा फल नही दे सकता है। यदि शनि अपनी कुण्डली मे द्वितीय भाव, चतुर्थ भाव, पंचम भाव, सप्तम भाव, नवम भाव, दशम या लाभ स्थान बैठा हो तो शनि अपनी दशा व अन्तर्दशा में व्यक्ति को करोड़पति अरबपति बना देगा। इसलिए मेष लग्न वाले इस दशा मे नीलम पहन सकते है। अगर आपका शनि तीसरे, छठे, आठवें, व बारहवे, भाव में बैठा हो तो आपकों नीलम कभी धारण नहीं करना चाहिए। आपको यह रत्न बर्बाद कर देगा।

वृष लग्न

जिन व्यक्तियों की वृष लग्न की कुण्डली है उसमें शनि नवम भाव व दशम भाव का स्वामी होता है। दोनो स्थान राज स्थान होते है। इस लग्न वालों का शनि राजयोग कारक होता है। अगर आपकी कुण्डली में शनि लग्न, धन भाव, पंचम, नवम, दशम, व एकादश स्थान में बैठा हो तो आप नीलम पहन सकते है। लेकिन रत्न आपको शनि की दशा या अन्तरदशा में ही पहनना चाहिए। अगर आपकी कुण्डली में शनि, तीसरे, छठे, सप्तम, अष्टम, व द्वादश में बैठा तो आपको नीलम नही पहनना चाहिए। अगर आपका शनि शुभ ग्रहों कें प्रभाव में हों तो आप नीलम पहन सकते है।

लाभ

नीलम पहनने से आप का शनि बलवान हो जायेगा। बलवान होकर सुख, धन, मान-सम्मान, भाग्य को बढायेगा तथा पिता को आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि करने वाला व धन में वृद्धि करने वाला होगा छोटे भाई की स्त्री की आयु और स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद होगा। अपनी स्त्री की छोटी बहनों व भाइयों की आयु और स्वास्थ्य को बढायेगा, टांगों मे बल देगा, स्नायु को मजबूत करेगा।अगर आप राजनीति में है तो आपको राजनीति में प्रधान, प्रमुख, पार्षद, एम.एल.ए. , एम. पी., मंत्री, गवर्नर बनाने में मदद करेगा। अगर आप सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हो या आप आईएएस, आईपीएस अधिकारी हों तो आपको पदोन्नति करायेगा। इनको पहनते ही आप उंचे पदों पर आसीन हो सकते है। शनि के रत्न नीलम के साथ हीरा पहना जाये तो अत्यधिक लाभ होगा।