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जब चन्द्रमा दशम भाव में हो

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चन्द्रमा दशम भाव में

चन्द्रमा दशम भाव में होने से जातक जीवन में कई बार कामकाज बदलता है। नौकरी करने वाले अक्सर नौकरी बदलते रहते हैं।

1.मेष लग्न- चन्द्रमा चतुर्थेश होकर दशम भाव में मकर राशि में स्थित होगा। मोती धारण करने से घरेलू सुख शान्ति में वृद्धि होगी। अच्छा वाहन प्राप्त होगा।

2. वृष लग्न – चन्द्रमा तृतीयेश होकर दशम भाव में मीन राशि में स्थित होगा। मोती धारण करने से जातक को अपने प्रयत्नों में सफलता मिलेगी।

3. मिथुन लग्न – चन्द्रमा द्वितीयेश होकर दशम भाव में कुम्भ राशि मे स्थित होगा। जातक को प्रशासन सेवाओं में सफलता मिलेगी। धन लाभ भी होगा। अतः मोती धारण करना लाभदायक होगा। नौकरी में पदोन्नति होगी।

4. कर्क लग्न – चन्द्रमा लग्नेश होकर दशम भाव में मेष राशि में स्थित होगा। मोती धारण करने से कामकाज में वृद्धि होगी। नौकरी में पदोन्नदी होगी।

5.सिह लग्न – चन्द्रमा द्वादशेश होकर दशम भाव में वृष राशि में स्थित होगा अतः मोती धारण करने से लाभ रहेगा।

6. कन्या लग्न – चन्द्रमा लाभेश होकर दशम भाव में स्थित होगा। मोती धारण करने से कामकाज में वृद्धि होगी। धन लाभ भी होगा।

7. तुला लग्न – चन्द्रमा दशमेश होकर दशम भाव में कर्क राशि में स्थित होगा। मोती धारण करने से कामकाज में वृद्धि होगी।

8. धनु लग्न – चन्द्रमा भाग्येश होकर दशम भाव में सिंह राशि में स्थित होगा। मोती धारण करने से कामकाज में उन्नति होगी। यश-मान बढे़गा।

9. धनु लग्न – चन्द्रमा अष्टमेश होकर दशम भाव में कन्या राशि में होगा। मोती धारण करने से शुभ-अशुभ मिश्रित फल प्राप्त होगे।

10. मकर लग्न – चन्द्रमा सप्तमेश होकर दशम भाव में तुला राशि में स्थित होगा। शादि के बाद कामकाज में परिवर्तन आएगा। मोती धारण करने से शुभ/अशभ मिश्रित फल मिलेंगे।

11. कुम्भ लग्न – चन्द्रमा षष्ठेश होकर दशम भाव में अपनी नीच राशि मंे वृश्चिक में स्थित होगा। मोती धारण करना अत्यन्त हानिकारक है।

12. मीन लग्न – चन्द्रमा पंचमेश होकर दशम भाव में धनु राशि में स्थित होता है। मोती धारण करने से अपनी बुद्धि के बल पर जातक अपने कामकाज में सफलता प्राप्त कर सकता है।

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