जब व्यक्ति को बनते काम में व्यवधान पड़ते हो,भूूत प्रेत का भय हो,किसी ने काम बांध दिया हो तो गोमेद धारण करने से लाभ होता है।
यदि किसी के पास पैसा न टिकता हो,वह भी गोमेद धारण करके लाभ उठा सकता है।
पति-पत्नी से मनमुटाव,तलाक की नौबत आ जाए,तो गोमेद धारण करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
जिस व्यक्ति का मन परेशान रहे,घर में दिल न लगे,मन उखड़ा-उखड़ा रहे वह भी गोमेद धारण कर सकता है।
1.जिन व्यक्तियों की राशि अथवा लग्न वृष,मिथुन कन्या,तुला या कुम्भ हो उन्हें गोमेद धारण करना लाभदायक होगा।
2.यदि राहु जन्मकुण्डली में केन्द में हो अथवा त्रिकोण भाव ( पंचम भाव ) में हो तो गोमेद धारण करना लाभदायक है।
3.राजनीति में सफलता हासिल करने वालों के लिए गोमेद धारण करना लाभदायक है।
4.यदि राहू द्वितीय,एकादश स्थान हो तो गोमेद धारण करने से अचानक धन लाभ होता है।
5.अगर जन्मकुण्डली में राहु छठे,आठवें,बाहरवें भाव में हो तो गोमेद सोच समझ कर पहने अर्थात् कुछ दिन पहन कर उसका असर देखें अगर अशुभ साबित हो तो उतार दें।
गोमेद धारण विधि – शनिवार के दिन अष्टधातु की अंगूठी में गोमेद जड़वाकर षोड़षोपचार पूजन करने के बाद नीचे लिखे मन्त्र का सवा लाख जप करके शनिवार के सांय के समय अंगूठी में धारण करें –