पद्म नामक कालसर्पयोग-
पंचम स्थान से लेकर एकादश पर्यन्त ग्रह स्थिति के कारण पद्म नामक कालसर्पयोग बनता है। ऐसे जातक के विद्याध्यन में रूकावट आती है। सन्तान पक्ष में रूकावट होती है। पुत्र सन्तान की चिन्ता रहती है। गुप्त शत्रु बहुत रहते है। परिवार में अपयश। जीवनसाथी विश्वासपात्र नहीं मिलता,वंशवृद्धि की चिन्ता विशेष रहती है। लाभ प्राप्ति में रूकावट,निरन्तर चिन्ता व कष्ट के कारण जीवन संघर्षमय बना रहता है। जिस कार्य में हाथ डालों असफलता हाथ लगती है।
कुंडली में कैसे दिखता है काल सर्प दोष ?
आइये अब जानते है काल सर्प योग कुन्डली में कैसे दिखता है | जब जातक की कुंडली में राहु और केतु के बीच सारे ग्रह एक ही रेखा में आ जाते है | एक भी ग्रह इस रेखा के बाहर नहीं होना चाहिए | यदि कोई भी ग्रह बाहर होता है तो काल सर्प योग नहीं होता है |
राहु और केतु
कुल सात ग्रह राहु और केतु के बीच अलग अलग घरों में हो सकते है और इस प्रकार काल सर्प योग इसी आधार पर भिन्न भिन्न हो सकते है | काल सर्प दोष के कुल १२ प्रकार होते है |
आइये अब जानते है क्या होता है पद्म काल सर्प दोष, इससे होने वाले असर, इसके उपायों के बारे में | हम यह भी जानेंगे कि कैसे जातक पद्म काल सर्प योग का निवारण भी कर सकता है |
पद्म कालसर्प योग
जब जातक की कुंडली में राहु पंचम घर में और केतु एकादश स्थान में उपस्थित हो एवं बाकी सारे ग्रह इनके बीच में ही हो तो इस प्रकार का कालसर्प योग होता है।
पद्म कालसर्प योग के असर
- यदि किसी जातक की कुंडली में पद्म काल सर्प योग पाया जाता है तो उसके उच्च शिक्षा में कई व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं |
- इन जातको का अध्यन में मन नहीं लगता अथवा याद नहीं रहता है |
- दाम्पत्य जीवन तनाव पूर्ण रह सकता है
- संतान सुख प्राप्ति में देरी हो सकती है |
- जातक के स्वस्थ्य में अक्सर उतार चढाव रह सकता है |
पद्म कालसर्प योग के उपाय
- जातकों को चाहिए कि वे अपने घर के पूजा स्थल में एक मोर पंख हमेशा रखें |
- जातक चांदी से बने नाग नागिन को ग्रह प्रवेश द्वार पर विराजित करें |
- जातक मंगल को अपने दाएं हाथ की मध्य उंगली में सवा सात रत्ती का त्रिकोण मूंगा रत्न धारण करें |
पद्म कालसर्प योग के जातक क्या न करें
- सिगरेट, बीड़ी व मदिरा का सेवन न करें |
- पुराने चीज़ों को धारण न करें |
- इन जातकों के लिए प्रेम विवाह हानिकारक हो सकता है अतः जातक अपने परिजनों से सलाह लेकर विवाह करें |
पद्म कालसर्प योग का निवारण
काल सर्प योग के निवारण के लिए किसी भी प्रसिद्ध मंदिर में भगवान शिव जी की पूजा करना है।अनेक मंदिरों में तरह तरह की पूजा करते हैं| परन्तु पूजा का आधार जब तक नहीं जान सकते, तब तक व्यक्ति इस दोष के कारण अनेक मुश्किलों का सामना करता रहता है|अतः सही प्रकार से दोष की पूर्ण जानकारी के बाद ही इसका निवारण उचित रूप से हो सकता है | इस पूजा के लिए आपको पंडित से शुभ मुहूर्त जानकर, आपकी सुविधानुसार आप इस मंदिर में आने की योजना बना सकते है |पूजा के लिए शिव भगवान् का मंदिर उचित होता है क्योंकि ज्ञातव्य है कि सर्प शिव भगवान के अभिन्न अंग के रूप में निवास करता है, शिवजी को प्रसन्न करने से ही इस दोष से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है|