वासुकी नामक कालसर्पयोग –
तृतीय से नवम पर्यन्त वाली ग्रह-स्थिति के कारण वासुकी नामक कालसर्पयोग बनता है। इस योग के कारण जातक को कुटुम्ब,भाई-बहनों की ओर से परेशानी रहेती है। मित्रों से धोखा मिलता है।नौकरी-धन्धें में उलझने बनी रहती है। भाग्य का पूर्ण सुख नहीं मिलता। धन कमाता है पर बदनामी साथ लगी रहती है। आत्मीय परिजनो के कारण कोई न कोई मुसीबत एंव मानसिक तनाव बना रहता है। किसी काम में वंश नहीं मिलता।यश,पद -प्रतिष्ठा व पराक्रम प्राप्ति के लिए संघर्ष बना रहता है।
वासुकी काल सर्प दोष का प्रभाव
कुंडली में तीसरा घर, भाई-बहन, बहादुरी, निडरता, प्रतिभा, पड़ोसियों के लिए
रिश्तेदारों, दोस्तों, रक्षा विभाग और संचार आदि से संबंधित है |
कुंडली में नवां घर, भाग्य, अचानक से अच्छी घटनाओं का होना, पिता, धर्म, दान, अधिकारी आदि से संबंधित है |
इस दोष के नकारात्मक प्रभाव के कारण व्यक्ति को बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है |
उसे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष करना पड़ता है |
वासुकि काल सर्प योग / दोष के उपाय
नीचे दिए गए उपाय वासुकी काल सर्प योग के विनाशकारी प्रभाव को कम करते हैं
और इससे शांति प्रदान करते है ।
ये उपाय बहुत ही असरदार हैं। वे जातक के लिए अच्छे भाग्य का निर्माण करते है | मुसीबतों का सामना करने के लिए साहस को बढ़ाते हैं, भाई-बहनों / दोस्तों / निकट संबंधियों का समर्थन प्राप्त करते हैं। जो जातक इन उपायों का पालन करते हैं, उन्हें धोखा नहीं मिलता है और वे घोटालेबाज दोस्तों से बच सकते है ।
- नागपंचमी के दिन पूजा करें: – भगवान शिव को नाग-नागिन के 11 जोड़े, दूध, दही, देसी घी, गंगाजल, बेलपत्र, मिश्री, गुड़, शहद, चावल आदि चढ़ाएं।
- महर्षि कश्यप की पुत्री माता मनसा देवी की पूजा करें -इसके अलावा, वासुकी नाग की बहन मनसा देवी की नागपंचमी के दिन पूजा ।
- नाग-पंचमी के दिन उपवास करें और बिना नमक का उपवास करें |