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किस्मत खोलनी है तो बदल दें घर का मुख्य द्वार

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किस्मत खोलनी है तो बदल दें घर का मुख्य द्वार

घर के मुख्य द्वार में एक छोटा सा भी बदलाव आपकी दुनिया बदल सकता है। शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार का संबंध घर में रहने वाले लोगों की सामाजिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति से होता है। घर का मुख्य द्वार वास्तु दोषों से मुक्त हो तो घर में सुख-समृद्धि, रिद्धी.सिद्धि रहती है। सभी प्रकार के मंगल कायों में वृद्धि होती है और परिवार के लोगों में आपसी समंजस्य बना रहता है। इसलिए घर का मुख्य द्वार वास्तु दोष से मुक्त होना अत्यंत आवश्यक है। यदि इसमें कोई दोष हो, तो इसे तुरंत वास्तु उपायों के द्वारा ठीक कर लेना चाहिए।

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– मुख्य द्वार के सामने कोई पेड़, दीवार, खंभा, कीचड़, हैंडपम्प या मंदिर की छाया नहीं होनी चाहिए।

– घर के मुख्य द्वार की चौड़ाई उसकी ऊंचाई से आधी होनी चाहिए।

– घर का मुख्य दरवाजा छोटा और पीछे का दरवाजा बड़ा होना आर्थिक परेशानी का ध्योतक है।

– घर का मुख्य द्वार घर के बीचों-बीच न होकर दाएं या बाएं ओर स्थित होना चाहिए। यह परिवार में कलह आर्थिक परेशानी और रोग का ध्योतक है। उदाहरण के लिए, पूर्व में स्थित द्वार पूर्व में मध्य में न होकर उत्तर पूर्व की ओर या दक्षिण पूर्व की ओर होना चाहिए।

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– मुख्य द्वार खोलते ही सामने सीढ़ी नहीं होनी चाहिए।
– दरवाजा हमेशा अंदर की ओर खुलना चाहिए और दरवाजा खोलते और बंद करते समय किसी प्रकार की चरमराहट की आवाज नहीं होनी चाहिए।

– घर के तीन द्वार एक सीध में नहीं होने चाहिए। मुख्य द्वार घर के अन्य सभी दरवाजों से बड़ा होना चाहिए।

– घर के मुख्य द्वार के सामने कोई वृक्ष भी नहीं होना चाहिए। इससे द्वार वेध होता है।

– मुख्य द्वार में वस्तु दोष होने पर घर के द्वार पर घंटियों की झालर लगाएं, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होगा।

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– मुख्य द्वार पर क्रिस्टल बॉल लटकाएं।

– मुख्य द्वार पर लाल रंग का फीता बांधें। द्वार के बाहरी ओर दीवार पर पाकुआ दर्पण स्थापित करें।

– यदि घर का द्वार खोलते ही सामने सीढ़ी हो, तो सीढ़ी पर पर्दा लगा दें।

– यदि घर में तुलसी के पौधा लगाएं और संध्या काल में नित्य उसके सामने घी के दीपक जलाएं तो दोषों का नाश होता है।

– घर के आसपास हरी दूब उगाई गई हो तो प्रतिदिन गणेश जी की प्रतिमा पर थोड़ी हरी दूब चढ़ाने से वास्तु दोष दूर होता है।

Pt.P.S Tripathi

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