करें ये काम ? नहीं रुकेगा धन का आगमन…
सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा पाठ का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक अनुष्ठानों में हवन करने का विधान लम्बे समय से चला आ रहा है. अक्सर हवन सामग्री अधिक आ जाने के कारण अनुष्ठान के बाद ये सामग्री बच जाती है. इसके सही उपयोग से धन आगमन हो सकता है.हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना जाता है. हिंदू घरों में समय-समय पर तरह-तरह की पूजा, यज्ञ, हवन इत्यादि होते रहते हैं, लेकिन पूजा-पाठ के बाद थोड़ी बहुत पूजा की सामग्री बच जाती है. इनमें ज्यादातर चावल, मौली, कुमकुम ये चीजें होती हैं. लोग इस सामग्री को नदी तालाबों में विसर्जित कर देते हैं, लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को मालूम है कि इस सामग्री का इस्तेमाल हम अपने घर की सुख-समृद्धि के लिए कर सकते हैं।
पान और सुपारी
पूजा-पाठ में पान और सुपारी का इस्तेमाल किया जाता है. पान पर कुमकुम, चंदन लगाकर भगवान गणेश के प्रतीक स्वरूप सुपारी रखते हैं, लेकिन पूजन के बाद यह सामग्री बच जाती है. इस पान और सुपारी को आप किसी लाल रंग के कपड़े में बांधकर इसे अपनी अलमारी में सुरक्षित रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और धन की कमी नहीं होती।
नारियल
हिंदू धर्म में की जाने वाली पूजा-पाठ में नारियल प्रमुख रूप से शामिल किया जाता है. पूजा पूर्ण होने के बाद इस नारियल को नदी तालाबों में प्रवाहित करने के स्थान पर इसे फोड़कर प्रसाद के रूप में लोगों को वितरित किया जा सकता है या फिर इस नारियल को फोड़ कर उसमें घी डालकर हवन कुंड की अग्नि में इसको होम कर दें।
कुमकुम
पूजा-पाठ में कुमकुम भी उतना ही आवश्यक है, जितना कि नारियल. पूजा पूर्ण हो जाने के बाद अधिकांश कुमकुम बचा रह जाता है. इस बचे हुए कुमकुम को आप किसी डिब्बे में डाल कर सुरक्षित रख सकते हैं. पंडित जी के अनुसार, इस कुमकुम को सुहागन महिलाएं अपनी मांग में लगा सकती हैं. ऐसा माना जाता है कि इससे महिला के पति की आयु लंबी होती है।
पूजा के बचे फूल
हिंदू धर्म की पूजा-पाठ में फूल-माला का भी विशेष महत्व होता है. पूजा-पाठ समाप्त हो जाने के बाद आप इन फूलों को विसर्जित करने की जगह अपने घर के मुख्य द्वार पर लगा सकते हैं. जब यह पूरी तरह से मुरझा जाएं तो उनकी सूखी पत्तियों को अपने बगीचे या गमले में डाल दें. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है।