नौकरी में परिवर्तन तथा स्थाईत्व –
सभी व्यक्ति की दिली तमन्ना होती है कि उसे अच्छी तथा स्थाई नौकरी प्राप्त हो। किंतु कई बार योग्यता तथा प्रयास के बावजूद नौकरी मनचाही नहीं मिल पाती, जिसके कारण उत्पन्न असंतुष्टि से नौकरी बदलने की स्थिति बनती है तो कई बार बिना किसी कारण के नौकरी छूट जाती है, इस प्रकार कई कारणों से नौकरी में स्थाईत्व की कमी दिखाई देती है। नौकरी में बार-बार बदलाव तथा अस्थाईत्व का कारण जातक की कुंडली में उसके तृतीय भाव या भावेष का संबंध छः, आठ, या बारहवें भाव से बने या तृतीय भाव या भावेष राहु से पीडि़त हो तो नौकरी में परिवर्तन तथा स्थाईत्व की कमी देता हैं साथ ही दसम, एकादष या भाग्य भाव क्रूर ग्रह या विपरीत स्थिति में हो तो जीवन में आय तथा कर्म भाव प्रभावित होता है। कई बार चंद्रमा तथा राहु की स्थिति तथा दषाएॅ जीवन में अनिर्णय तथा भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है, जिससे नौकरी में स्थाईत्व की कमी के कारण बार-बार परिर्वतन की स्थिति बनती है। जीवन में स्थाईत्व की कामना तथा उन्नति हेतु शनिवार का व्रत करते हुए सायंकाल सूर्यास्त के उपरांत निष्ठाभाव से शाबरमंत्र का जाप करें, ऐसा नियम से सवामाह करें तो जीवन में अस्थाईत्व समाप्त होकर इच्छित सफलता प्राप्त होगी तथा संतुष्टि तथा सुख प्राप्ति होगी।
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Pt.P.S Tripathi
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