अभिभावकों की चिंता का कारण संतान के लक्ष्य से भटकाव – ज्योतिष कारण और निवारण –
आज के आधुनिक युग में जहाॅ सभी प्रकार की सुख-सुविधाएॅ जुटाने का प्रयास हर जातक करता है, वहीं पर उन सुविधाओं के उपयोग से आज की युवा पीढ़ी भटकाव की दिषा में अग्रसर होती जा रही है। पैंरेंटस् जिन वस्तुओं का सुविधाएॅ अपने बच्चों को उपयेाग हेतु मुहैया कराते हैं, वहीं वस्तुएॅ बच्चों को गलत दिषा में ले जाती है। कई बार देखने में आता है कि जो बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्षन करते रहे हैं वे भी ठीक कैरियर के समय अपने दिषा से भटक कर अपने अध्ययन तथा लक्ष्य से भटकर अपना पूरा कैरियर खराब कर देते हैं। कई बार माता-पिता इन सभी बातों से पूर्णतः अनजान रहते हैं और कई बार जानते हुए भी कोई हल निकालने में असमर्थ होते हैं। सभी इन समस्याओं का दोषारोपण आधुनिक सुविधाओं को देते हुए मूक दर्षक बन रहना चाहते हैं किंतु सच्चाई यह है कि यदि आप थोड़े से ज्योतिष और समय रहते उनके प्रतिकूल असर पर काबू पाने का प्रयास कर उपयुक्त समाधान तलाष लें तो भटकाव से पूर्व ही अपने संतान को सही मार्गदिषा देकर उन्हें उचित निर्णय तथा कैरियर हेतु लक्ष्य मंें बनाये रखने में सक्षम हो सकते हैं। यदि बच्चों के व्यवहार में अचानक बदलाव दिखाई दें, जैसे बच्चा अचानक गुस्सैल हो जाए, उसमें अहं की भावना जागृत होने लगे। दोस्तों में ज्यादा समय बिताने या इलेक्टानिक्स गजट पर पूरा ध्यान केंद्रित करें, बड़ों की बाते बुरी लगे तो तत्काल सावधानी आवष्यक है। किसी विद्वान ज्योतिषीय से अपने संतान की कुंडली का ग्रह दषा जानें तथा पता लगायें कि आपके संतान की शुक्र, राहु, सप्तमेष, पंचमेष की दषा तो नहीं चल रही है और इनमें से कोई ग्रह विपरीत स्थिति में या नीच का होकर तो नहीं बैठा है। अगर ऐसी कोई स्थिति दिखाई दे तो उपयुक्त उपाय तथा थोड़े से अनुषासन से अपने संतान के भटकाव पर काबू पाते हुए उसके लक्ष्य के प्रति एकाग्रता बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
232
Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in