
साँप के काटने से क्या होता है?
भारत जैसे देश में साँप के काटने (Snake Bite) की घटनाएँ अक्सर देखने को मिलती हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों, खेतों, जंगलों और बरसात के मौसम में। हर साल हजारों लोग साँप के काटने से प्रभावित होते हैं। सही जानकारी और समय पर उपचार न मिलने से यह जानलेवा भी हो सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि साँप के काटने से क्या होता है, इसके लक्षण क्या हैं, क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए और इससे बचाव के उपाय कौन-कौन से हैं।
साँप के काटने पर उसका ज़हर (Venom) शरीर में प्रवेश कर सकता है। हालाँकि हर साँप ज़हरीला नहीं होता, लेकिन कुछ साँप अत्यंत विषैले होते हैं। ज़हरीले साँप के काटने पर ज़हर रक्त, नसों या मांसपेशियों के माध्यम से पूरे शरीर में फैलने लगता है।
ज़हर शरीर पर कैसे असर करता है?
साँप का ज़हर मुख्य रूप से तीन प्रकार से असर करता है:
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न्यूरोटॉक्सिक ज़हर (Nervous System पर असर)
– दिमाग और नसों को प्रभावित करता है
– सांस लेने में दिक्कत
– पलकें गिरना, बोलने में परेशानी -
हीमोटॉक्सिक ज़हर (रक्त पर असर)
– खून का थक्का जमने से रोकता है
– आंतरिक रक्तस्राव
– सूजन और दर्द -
मायोटॉक्सिक ज़हर (मांसपेशियों पर असर)
– मांसपेशियों में दर्द
– किडनी को नुकसान
– कमजोरी
साँप के काटने के प्रमुख लक्षण
साँप के काटने के लक्षण काटने वाले साँप के प्रकार, ज़हर की मात्रा और व्यक्ति की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करते हैं।
शुरुआती लक्षण
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काटे गए स्थान पर तेज दर्द
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सूजन और जलन
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लाल या नीले रंग के निशान
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दो दाँतों के निशान (फैंग मार्क्स)
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घबराहट और बेचैनी
गंभीर लक्षण
- चक्कर आना
- उल्टी या मिचली
- सांस लेने में कठिनाई
- अत्यधिक पसीना
- बेहोशी
- खून बहना (नाक, मसूड़ों या घाव से)
- दिल की धड़कन तेज होना
ध्यान दें: कभी-कभी लक्षण तुरंत नहीं दिखते, इसलिए हर साँप के काटने को गंभीर मानना चाहिए।
भारत में पाए जाने वाले प्रमुख ज़हरीले साँप
भारत में मुख्य रूप से “बिग फोर” ज़हरीले साँप पाए जाते हैं:
- कोबरा (नाग)
- करैत
- रसेल वाइपर
- सॉ-स्केल्ड वाइपर
इन साँपों का ज़हर अत्यंत खतरनाक होता है और समय पर इलाज न मिले तो जान जा सकती है।
साँप के काटने पर तुरंत क्या करें?
साँप के काटने पर घबराना नहीं चाहिए। सही कदम जीवन बचा सकते हैं।
1. मरीज को शांत रखें
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घबराने से दिल की धड़कन तेज होती है
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ज़हर तेजी से फैल सकता है
2. काटे गए अंग को स्थिर रखें
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हाथ या पैर को ज्यादा हिलाने-डुलाने से बचाएँ
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उसे हृदय के स्तर से नीचे रखें
3. तुरंत अस्पताल ले जाएँ
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एंटी-स्नेक वेनम (ASV) ही एकमात्र इलाज है
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झाड़-फूँक या देसी इलाज में समय न गँवाएँ
4. साफ कपड़े से हल्का ढकें
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घाव को न दबाएँ
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न ही खून चूसने की कोशिश करें

साँप के काटने पर क्या नहीं करना चाहिए
बहुत-सी गलत धारणाएँ आज भी समाज में फैली हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं।
❌ ज़हर चूसने की कोशिश न करें
❌ घाव को काटें या जलाएँ नहीं
❌ टाइट पट्टी (Tourniquet) न बाँधें
❌ शराब, तंबाकू या जड़ी-बूटी न दें
❌ समय बर्बाद न करें
अस्पताल में साँप के काटने का इलाज
अस्पताल में डॉक्टर निम्न उपचार करते हैं:
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एंटी-स्नेक वेनम (ASV)
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ऑक्सीजन सपोर्ट
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IV फ्लूइड
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दर्द निवारक दवाएँ
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ब्लड टेस्ट और निगरानी
समय पर ASV मिलने से मृत्यु दर काफी कम हो जाती है।
साँप के काटने से होने वाले खतरे
अगर समय पर इलाज न मिले तो निम्न समस्याएँ हो सकती हैं:
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सांस रुकना
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किडनी फेल होना
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लकवा
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आंतरिक रक्तस्राव
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मृत्यु
साँप के काटने से बचाव के उपाय
घर में सावधानियाँ
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घर के आसपास झाड़ियाँ साफ रखें
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चूहे न पनपने दें
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रात में बाहर जाते समय टॉर्च का उपयोग करें
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दरवाजे-खिड़कियाँ बंद रखें
खेत और बाहर काम करते समय
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लंबा जूता और पैंट पहनें
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हाथ डालने से पहले जगह देखें
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लकड़ी या पत्थर हटाते समय सावधानी रखें
बरसात के मौसम में
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पानी जमा न होने दें
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ज़मीन पर न सोएँ
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मच्छरदानी का उपयोग करें
बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष सावधानी
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बच्चों को साँपों से दूर रहने की शिक्षा दें
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बुजुर्गों को अकेले बाहर जाने से बचाएँ
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आपातकालीन नंबर हमेशा पास रखें
क्या हर साँप का काटना खतरनाक होता है?
नहीं, हर साँप ज़हरीला नहीं होता। कई बार साँप “ड्राई बाइट” करता है, जिसमें ज़हर नहीं छोड़ता। लेकिन बिना जांच यह पता लगाना असंभव है, इसलिए हर साँप के काटने को गंभीर मानना जरूरी है।
निष्कर्ष
साँप का काटना एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य समस्या है। सही जानकारी, समय पर अस्पताल पहुँच और गलत धारणाओं से बचाव करके कई जानें बचाई जा सकती हैं। याद रखें—
साँप के काटने पर झाड़-फूँक नहीं, तुरंत डॉक्टर!





