
वैदिक ज्योतिष में ब्रहस्पति (गुरु) को सबसे शुभ और सात्त्विक ग्रह माना गया है। गुरु ज्ञान, धर्म, नैतिकता, शिक्षा, संतान, विवाह, धन और भाग्य का कारक है। देवताओं के गुरु होने के कारण ब्रहस्पति जीवन में सही दिशा, विवेक और सद्बुद्धि प्रदान करते हैं। लेकिन जब कुंडली में गुरु अशुभ, कमजोर, अस्त या पाप ग्रहों से पीड़ित हो जाए, तब व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसे समय में ब्रहस्पति बीज मंत्र का जाप एक अत्यंत प्रभावशाली और शास्त्रसम्मत उपाय माना गया है।
कुंडली में गुरु अशुभ होने के कारण
कुंडली में गुरु के अशुभ होने के पीछे कई ज्योतिषीय कारण हो सकते हैं, जैसे—
- गुरु का नीच राशि में होना
- गुरु का अस्त होना
- राहु या केतु के साथ युति (गुरु चांडाल दोष)
- पाप भावों (6, 8, 12) में स्थित होना
- शनि, मंगल या राहु की दृष्टि पड़ना
इन स्थितियों में गुरु अपने पूर्ण शुभ फल नहीं दे पाते और व्यक्ति को संघर्ष, भ्रम और अस्थिरता का सामना करना पड़ता है।
अशुभ गुरु के लक्षण
जब कुंडली में गुरु अशुभ होता है, तो जीवन में निम्नलिखित संकेत दिखाई देने लगते हैं—
- पढ़ाई में रुकावट या एकाग्रता की कमी
- सही निर्णय न ले पाना
- बार-बार गलत सलाह मिलना
- विवाह में देरी या दांपत्य जीवन में तनाव
- संतान सुख में बाधा
- धन होते हुए भी संतोष न होना
- भाग्य का साथ न मिलना
- धर्म और आध्यात्म से दूरी
ऐसी स्थिति में केवल कर्म ही नहीं, बल्कि ग्रह शांति उपाय भी आवश्यक हो जाते हैं।

ब्रहस्पति बीज मंत्र क्या है?
बीज मंत्र किसी ग्रह की मूल ऊर्जा को जाग्रत करने वाली दिव्य ध्वनि होते हैं। ब्रहस्पति बीज मंत्र गुरु ग्रह की सकारात्मक शक्ति को सक्रिय करता है और उसके अशुभ प्रभावों को शांत करता है।
ब्रहस्पति बीज मंत्र
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः॥
यह मंत्र गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।
ब्रहस्पति बीज मंत्र का अर्थ
- ॐ – ब्रह्मांड की मूल शक्ति
- ग्रां ग्रीं ग्रौं – गुरु ग्रह की बीज ध्वनियाँ
- सः – रक्षा और स्थिरता का संकेत
- गुरवे नमः – देवगुरु ब्रहस्पति को नमन
अर्थात: “मैं देवगुरु ब्रहस्पति को नमन करता हूँ, कृपया मुझे ज्ञान, विवेक, धर्म और सौभाग्य प्रदान करें।”
ब्रहस्पति बीज मंत्र जाप का महत्व
जब कुंडली में गुरु अशुभ होता है, तब केवल सामान्य पूजा से पूर्ण लाभ नहीं मिलता। ऐसे में बीज मंत्र सीधे ग्रह की ऊर्जा पर कार्य करता है। इस मंत्र का नियमित जाप—
- गुरु दोष को शांत करता है
- नकारात्मक ग्रह प्रभाव को कम करता है
- जीवन में सकारात्मक सोच विकसित करता है
- भाग्य और अवसरों के द्वार खोलता है
ब्रहस्पति बीज मंत्र से होने वाले लाभ
1. शिक्षा और करियर में सुधार
गुरु ज्ञान का कारक है। मंत्र जाप से पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ती है और करियर में सही दिशा मिलती है।
2. विवाह और वैवाहिक जीवन में शांति
अशुभ गुरु विवाह में देरी या कलह देता है। बीज मंत्र से गुरु की कृपा मिलती है और वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है।
3. संतान सुख की प्राप्ति
संतान संबंधी बाधाओं में यह मंत्र विशेष रूप से लाभकारी माना गया है।
4. धन और भाग्य में वृद्धि
गुरु मजबूत होने से भाग्य का साथ मिलता है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
5. गुरु चांडाल दोष से राहत
राहु-केतु से पीड़ित गुरु के दोष को कम करने में यह मंत्र सहायक है।
6. मानसिक शांति और आत्मबल
मंत्र जाप से भय, भ्रम और तनाव कम होता है तथा आत्मविश्वास बढ़ता है।
ब्रहस्पति बीज मंत्र जाप की सही विधि
शुभ दिन
-
गुरुवार को मंत्र जाप करना सर्वोत्तम माना गया है।
शुभ समय
- प्रातः ब्रह्म मुहूर्त
- या सूर्योदय के बाद
आसन और वस्त्र
- पीले वस्त्र धारण करें
- पीले आसन पर बैठें
दिशा
-
पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखें
माला
- हल्दी की माला
- या पीले चंदन की माला
जाप संख्या
- प्रतिदिन 108 बार
- विशेष साधना के लिए 19,000 या 1,25,000 जाप
मंत्र जाप के दौरान ध्यान रखने योग्य नियम
- सात्त्विक भोजन करें
- झूठ, क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचें
- गुरु, ब्राह्मण और बुजुर्गों का सम्मान करें
- गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान करें

ब्रहस्पति को प्रसन्न करने के अन्य उपाय
- गुरुवार को केले के वृक्ष की पूजा
- भगवान विष्णु की आराधना
- पीली दाल, हल्दी, गुड़, केले का दान
- गौ सेवा और जरूरतमंदों की सहायता
आध्यात्मिक दृष्टि से ब्रहस्पति बीज मंत्र
यह मंत्र केवल ग्रह शांति का साधन नहीं है, बल्कि आत्मिक उन्नति का मार्ग भी है। गुरु मजबूत होने से व्यक्ति धर्म, सत्य और सदाचार के पथ पर अग्रसर होता है।
निष्कर्ष
यदि कुंडली में गुरु अशुभ हो, तो जीवन में शिक्षा, विवाह, धन और निर्णय क्षमता से जुड़ी समस्याएँ स्वाभाविक हैं। ऐसे में ब्रहस्पति बीज मंत्र का जाप एक सरल, सुरक्षित और अत्यंत प्रभावशाली उपाय है। श्रद्धा, नियम और विश्वास के साथ किया गया मंत्र जाप निश्चित रूप से गुरु कृपा दिलाता है और जीवन में स्थिरता, ज्ञान और सौभाग्य का संचार करता है।





