व्रत एवं त्योहार

मार्च में इस दिन पड़ेगी विजया एकादशी, जानें व्रत विधि एवं पूजा का शुभ मुहूर्त

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हिंदू धर्म में एकादशी का बड़ा महत्‍व है। हर साल 24 एकादशियां पड़ती हैं लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है तो यह बढ़कर 26 हो जाती है। बता दें विजया एकादशी 2 मार्च यानि शनिवार 2019 को पड़ रही है। हिंदू ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्‍ण ने इसका महत्‍व युधिष्ठिर को बताया था। इस व्रत को भगवान श्री राम ने भी किया तभी समुद्र ने भगवान राम को मार्ग प्रदान किया और वो रावण को पराजित किये इसीलिए यह व्रत विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसिलए इस व्रत में श्री रामचरितमानस पाठ का विशेष महत्व है।

इस दिन व्रत रखने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और वह जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ता है। इस दिन मंदिर भी जाना चाहिए तथा गाय को भोजन करवाना चाहिए।मन, वचन तथा कर्म से किसी को कष्ट मत दें तथा अहिंसा का पालन करें। आप यदि चाहें तो किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति हेतु पूजा का संकल्प भी करके इस व्रत को रख सकते हैं। आइये जानते हैं इस पूजा का शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि के बारे में…

विजया एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त-

  • दिन में 12:09 बजे से 12:57 तक
  • 06:05pm से 06:30 pm तक
  • 02:27pm से 03:15 pm तक

विजया एकादशी पारण मुहूर्त-
दिनांक 03 मार्च 06:40 से 09 बजकर 05 मिनट प्रातः तक।

विजया एकादशी की पूजा विधि-

  1.  यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है।
  2. एक वेदी बनाकर उस पर सप्त धन्य रखकर मिट्टी का कलश स्थापित करते हैं। पूजास्थल पर ही विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें। अब श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।
  3. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें। पूरी रात्रि सामूहिक भगवान के नाम का संकीर्तन करें।
  4. भजन करें। इस दिन भगवान विष्णु का श्रृंगार भी कर सकते हैं। श्री रामचरितमानस का पाठ करना भी शुभ फलदायी है।
  5. व्रत रखकर अगले दिन शुभ मुहूर्त में ब्राम्हणों को भोजन कराके तथा दान करके खुद भोजन करके व्रत का पारण करते हैं।

एकादशी के व्रत में घर में चावल नहीं बनना चाहिए तथा घर का वातावरण पूरा सात्विक हो। श्रद्धा तथा समर्पण पूर्वक व्रत तथा पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति करवाते हैं।