स्वास्थ्य की कुंजी सकारात्मक सोच है। सोच और स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक हैं। मनुष्य की सोच का उसके स्वास्थ्य पर बहुत गहरा असर पड़ता है। इंसान जैसा सोचता है, उसका शरीर वैसी ही प्रतिक्रिया करता है। नकारात्मक सोच शरीर को अस्वस्थ बनाती है। प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है। सकारात्मक सोच शरीर को स्वस्थ और तनावमुक्त रखती है। ज्यादा सोचने से भूलने की प्रक्रिया विकसित होती है। प्रतिकूल परिस्थितियों निपटने का अच्छा तरीका यह है कि आप सकारात्मक और विजय प्राप्त करने वाले विचारों से काम लें। सकारात्मक विचारों पर अडिग रहने का मतलब होता है आधी जंग जीत लेना। अपनी सोच को सकारात्मक बनाने के लिए तीसरे स्थान के स्वामी ग्रह को मजबूत करें इसके अलावा बुध तथा गुरू से संबंधित उपाय करने से भी सोच को सकारात्मक किया जा सकता है क्योंकि तीसरे स्थान का स्वामी बुध होता है और भाग्येष गुरू की तीसरे स्थान पर पूर्ण दृश्टि होती है। अतः इन दोनों ग्रहों के अलावा अपने स्वयं के तृतीयेष को अनुकूल कर जीवन में सकारात्मकता को बढाया जा सकता है।
Pt.P.S.Tripathi
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