Other Articles

कष्ट का कारण हितों से समझौता या अन्याय का साथ-

172views

जब भी कोई व्यक्ति या व्यवस्था न्यूनतम न्याय की अवहेलना कर निरंकुश होता है, तब-तब विनाश निश्चित होता है। जो लोग भी मूल्यों से परे जाकर सामान्य हित के खिलाफ होकर स्व हित का निर्णय लेते हैं तो उसे दण्ड भोगना पड़ता है। आपको चाहने वाले तब तक आपके साथ रहेंगे जब तक आप अपनी मर्यादाओं के अनुशासन पर खरे उतरते रहेंगे, अन्यथा पतन निश्चित होगा…। मतलब बहुत साफ है जो भी लक्ष्मण रेखा के अंदर रहेगा, वही सुरक्षित रहेगा। शनि साथ ही गुरू उंचे मानदंडों का पुनस्र्थापन कर रहे हैं। अतः जिस की भी कुंडली में शनि एवं गुरू की स्थिति विपरीत कारक है, उसके जीवन में परेशानियों एवं कष्ट का समय हो सकता है। अतः यदि आप परेशान या कष्ट जोकि कार्यक्षेत्र से लेकर सामाजिक अथवा परिवार से लेकर स्वास्थ्य तक कुछ भी हो सकता है तो अपनी कुंडली का विश्लेषण कराकर शनि एवं गुरू को अनुकूल करने हेतु ग्रह शांति, मंत्रजाप तथा उक्त ग्रहों से संबंधित दान कर अपने जीवन में अनुकूलता जा सकते हैं।

ALSO READ  Find your perfect sugar baby gay match today

Pt.P.S.Tripathi
Mobile No.- 9424225005,9893363928
Landline No. 0771-4035992,4050500
Feel free to ask any questions