- दिनांक 16. 10.2019 का पंचाग
- शुभ संवत 2076 शक 1941 …
- सूर्य दक्षिणायन का …कार्तिक मास कृष्ण पक्ष…. तृतीया… रात्रि को 05 बजकर 45 मिनट तक … बुधवार…. भरणी नक्षत्र.. दोपहर को 02 बजकर 21 मिनट तक … आज चन्द्रमा … मेष राशि में… आज का राहुकाल दिन को 11 बजकर 49 मिनट से 01 बजकर 16 मिनट तक होगा …
कर्मक्षेत्र में लाभ के लिए करें पन्ना रत्न धारण –
बुद्ध बुद्धि का स्वरूप ग्रह है, मनुष्य में बुद्धि ही भौतिक या आध्यात्मिक जगत के ज्ञात और अज्ञात आदि रहस्यों के तथ्यों के ज्ञान को प्रकट करने का साधन है। बुध ग्रह के लिए पन्ना यश एवं कीर्ति का प्रतीक माना जाता था। इसे धारण करने से दिमाग की कार्य क्षमता तीव्र हो जाती है। विधार्थियों के लिए उनके शैक्षिक जीवनकाल में बुध ग्रह की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है उच्च और अच्छी शिक्षा बुध ग्रह की शुभ होने पर ही निर्भर है। यदि आप एक व्यापारी है और अपने व्यापार में निरन्तर उन्नति चाहते है, तो आप अवश्य पन्ना धारण कर सकते है। चार्टर एकाउंटेंट और हिसाब किताब के सभी कामो को करने वाले जातको को भी पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए, क्योकि एक सफल गणितज्ञ की योग्यता उसके बुद्धि बल यानि बुध ग्रह के बल पर निर्भर करती है।
पन्ना कब धारण करे –
बुध को प्रसन्न करने एवं बुध के दोष को दूर करने के लिए जातक को पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। इसके आलावा निम्नलिखित परिस्थतियों में पन्ना रत्न धारण करना आवस्यक होता है
1 जिस व्यक्ति का लंग्र मिथुन अथवा कन्या हो, उसे पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।
२ यदि भाग्येश बुध हो, तो पन्ना रत्न धारण करने से जातक को सुख – समृदि मिलती है।
3 जन्मकुंडली के चतुर्थ पंचम अथवा दशम भाव में बुध हो, तो जातक को पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।
4 बुध की जन्मकुंडली में मंगल, शनि, राहु अथवा केतु के साथ युति हो, तो जातक पन्ना रत्न धारण करने े इन ग्रहो के दोषो से छुटकारा पा सकता है।
5 बुध की विंशोत्तरी महादशा अथवा अंतर्दशा चल रही हो तो बुध रत्न पन्ना धारण करना चाहिए।
6 व्यापार, पदोन्नति, लेखन आदि व्यवसायो में पन्ना रत्न धारण करने से लाभ मिलता है।
विधि –
पन्ना रत्न धारण करने के लिए अश्लेषा, ज्येष्ठा एवं रेवती नक्षत्रो में से किसी एक नक्षत्र में कम से कम चार रति का पन्ना चांदी अथवा पंच धातु की अंगूठी में जड़वाकर बुधवार को सूर्य उदय से पूर्व ब्रह्ममूर्त में कनिष्का अंगुली में धारण करना चाहिये। अँगूठी को विधि विधान से पूजा करके ही धारण करना चाहिए। इस रत्न की अवधि तीन वर्ष तीन माह होती है। इसके बाद इस रत्न को बदल लेना चाहिए। पन्ना रत्न धारण करते समय बुध मन्त्र ॐ बुधाय नमः का कम से कम 108 बार जाप करे। यदि इस प्रक्रिया में किसी ब्राह्मण का सहयोग लिया जाये तो अति उत्तम है।
रत्न जड़ित अंगूठी साथ यदि बुध यंत्र को भी पूजा स्थल पर रखा जाए तो समृद्धि और वैभव आता है। यंत्र में पन्ना भी जड़वा सकते है। यह यंत्र चांदी के पत्र पर उत्कीर्ण किया जाता है। पन्ना रत्न उदर रोग, बवासीर, नेत्र रोग, ब्लड प्रेशर, अजीर्ण, दमा, हृदय रोग में राहत दिलाता है। इस प्रकार पन्ना रत्न विद्यार्थीवर्ग से लेकर व्यापारी वर्ग एवं नौकरी पेशा सभी लोगों को कर्मक्षेत्र में लाभ पाने के लिए धारण करना चाहिए।
आज के राशियों का हाल तथा ग्रहों की चाल-
मेष राशि –
धन-संपत्ति, भागीदारी में कष्ट तथा विवाद….
माता के स्वास्थ्य संबंधी चिंता…
आकस्मिक हानि….
राहु के उपाय-
ऊॅ रां राहवे नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें…
प्रतिदिन संवेरे पानी में थोडा सा नमक मिलाकर घर में पोंछा करें, राहु दोषों से शांति मिलेगी…
वृषभ –
कार्यकुशल तथा साहसी…
व्यवसायिक यात्रा…
आय में बाधा…
पार्टनर से तालमेल में कमी…
बृहस्पति के उपाय के लिए –
- ऊॅ गुरूवे नमः का जाप करें…
- रोगियों, जानवरों तथा वृक्षों की सेवा करें..
- साईजी के दर्षन करें…
मिथुन –
आय के नये स्त्रोत बनेंगे….
स्थान या नौकरी में बदलाव…
पार्टनर से हानि….
वातरोग से कष्ट….
केतु के उपाय –
- हल्दी, चंदन, नारियल दान करें,
- गणपति की उपासना करें, धूप, दीप तथा नैवेद्य चढ़ायें,
- ऊॅ कें केतवें नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें,
कर्क –
मनवांछित सफलता…
भाई या सहयोगी से विवाद…
आकस्मिक यात्रा…
गले में कष्ट….
शनि शांति के लिए –
- ‘‘ऊॅ शं शनिश्चराय नमः’’ का जाप कर दिन की शुरूआत करें…
- भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें..
- उड़द या तिल या सरसों का तेल दान करें…
सिंह –
शत्रु से विजय…
दिये गये कर्ज की वापसी…
आलस्य हानिकारक…
अधिकारियों से विवाद….
बचाव के लिए –
- ऊ धृणि सूर्याय नमः का जाप कर, अध्र्य देकर दिन की शुरूआत करें,
- लाल पुष्प, केशर, इलायची, गुड, गेहू का दान करें,
- आदित्य ह्दय स्त्रोत का पाठ करें,
कन्या –
नये अवसर की प्राप्ति…
आलस्य के कारण योजना में विलंब…
पारिवारिक रिष्तों में दूरी…
चंद्रमा के उपाय-
- ऊॅ सौं सोमाय नमः का जाप करें,
- मिश्री, चावल, कपूर, का दान करें,
- शंकरजी का जल से अभिषेक करें,
तुला –
मिथ्या बोल के कारण अपमान…
पत्नी से विवाद…
व्यवयाय में अचानक धनहानि….
शुक्र से राहत के लिए-
- ऊॅ शुं शुक्राय नमः का जाप करें…
- माॅ महामाया के दर्शन कर दिन की शुरूआत करें…
- सार्वजनिक सेवा करें,
वृश्चिक –
नये मोबाईल की प्राप्ति…
धन खर्च के कारण कर्ज…
सहकर्मियों से हानि…
चंद्रमा की शांति के लिए –
- ऊॅ श्रां श्रीं श्रीं एः चंद्रमसे नमः का जाप करें,
- दूध, चावल, शंख का दान करें
धनु –
अचानक धन प्राप्ति…
मित्रों से धन की हानि…
मंगल की शांति के लिए –
- ऊॅ अं अंगारकाय नमः का जाप करें,
- हनुमानजी की उपासना करें,
- मसूर की दाल, गुड या तांबा दान करें
मकर –
धार्मिक कार्य में धन खर्च…
मित्र तथा भाई-बहनों से अनबन….
शनि से उत्पन्न कष्ट के लिए –
- ‘‘ऊॅ शं शनिश्चराय नमः’’ का जाप कर दिन की शुरूआत करें,
- भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें,
- उड़द या तिल या सरसों का तेल दान करें,
कुंभ –
सत्ता पक्ष से लाभ…
आलस्य के कारण दैनिक रूटिन में अनियमित….
कंधे, कान में दर्द…
राहु कृत दोषों की शांति के लिए –
- ऊॅ रां राहवे नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें,
- धतूरे की माला शिवजी में चढ़ायें,
मीन –
धन का संकट…
पारिवारिक तथा मानसिक अशांति….
पिता को कष्ट….
बृहस्पतिकृत अनिष्ट की शांति के लिए –
- ऊॅ गुरूवे नमः का जाप करें…
- मीठे पीले खाद्य पदार्थ का सेवन करें तथा दान करें…
- केशर या चंदन का तिलक करें…