इन ’’ग्रहों के योग’’ वालों को चेतावनी,आपको हो सकता है’’कुष्ठ रोग’’…जानिए बचाव के तरीका
इन ’’ग्रहों के योग’’ वालों को चेतावनी,आपको हो सकता है’’कुष्ठ रोग’’…जानिए बचाव के तरीका
नीचे वर्णित ’’ग्रहों के योग’’ वालों को चेतावनी, आपको ’’कुष्ठ रोग’’ हो जाएगा कैंसर, कुष्ठ रोग, रक्त कैंसर, क्षय रोग आदि असाध्य बिमारियों ने संसार के अनेकों लोगों को मृत्यु के गाल में समाए जा रहा है, जिसका विज्ञान के पास अभी तक कोई सटीक इलाज हाथ नहीं लग पाया है।उपरोक्त भयानक रोगों से ग्रसित होते देख हमें अति चिन्ता हुई, फिर मैंने ’’ज्योतिष शास्त्र’’ के माध्यम से ’’मनुष्य को असाध्य रोग क्यों होता है ? इन रोगों सेबचाव कैसे किया जाय’’ इन सूत्रों को ढूंढना आरम्भ किया, रिसर्चके शाही लाइब्रेरी में प्राप्त हुआ, जिसे देखकर मैं सन्न हो गया, क्योंकि वे महाग्रन्थ पूर्व काल के ऋषि-महार्षियों द्वारा हस्त लिखित वास्तविक ग्रन्थ था। उन महाग्रन्थों के भोजपत्र के पन्नों को आधुनिक विधि से लेमिनेशन कराकर कम्प्यूटराईज कर दिया गया है। वटन दबाने से अपने आप शीशे के अन्दर लगा हुआ महाग्रन्थों के पृष्ठ उलट जाते हैं।
वहाॅ पर मैंने महर्षियों का परम पावन हस्तलिखित ग्रन्थ जातक तत्व, मान सागरी, जातक पारिजात, सर्वाथ चिन्तामणि, होरा रत्न, वृहद पारासरी, भाव कौतुहल आदि महान ग्रन्थों का अध्ययन कर गहन खोज किया कि मनुष्य को असाध्य रोग किन-किन ग्रह योगों के द्वारा होते हैं, और उनसे बचने हेतु क्या उपाय करना चाहिए।
ऋषि-महार्षियों द्वारा हस्त लिखित उन महाग्रन्थों का ’’मूल महाश्लोक’’ हिन्दी अनुवाद सहित मानवों के कल्याण हेतु समर्पित कर रहा हूॅ, जो ’’कुष्ठ रोग’’ से सम्बन्धित है। निम्न ’’महाश्लोको’’ का अनुसंधान देश-विदेशों के अनेकों कुष्ट रोगियों की जन्म कुण्डलियों पर किए तो पाया कि निम्न ग्रहयोगों वाले व्यक्ति ही 96 प्रतिशत ’’कुष्ट रोगी’’ है।