बच्चे को सामथ्र्यवान बनाने हेतु बचपन में ही कुंडली का विश्लेषण करायें-
आज बच्चे का सर्वगुण संपन्न होना अनिवार्य आवश्यकता हो गई है। बच्चे को यदि एक क्षेत्र में महारत हासिल है तो उससे अपेक्षा की जाती है कि अन्य क्षेत्रों में भी वह दक्षता हासिल करे। संगीत, कला, साहित्य, खेल, रचनात्मक योग्यता, सामान्य ज्ञान ये सारी पाठ्येत्तर गतिविधियों में तो वह कुशाग्र हो साथ ही वह विनम्र और आज्ञाकारी भी बना रहे इसके साथ उसमें अनुशासन तो आवश्यक है ही। यदि आप भी अपने बच्चे में एक साथ ये सारी आदतें देखना चाहते हैं तो बचपन में ही कुंडली का विश्लेषण...