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पन्ना रत्न को धारण करने के लाभ

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पन्ना रत्न आध्यात्मिक ऊर्जा का उपयोग करने के लिए विशेष रुप से धारण किया जाता हैं। बुध का रत्न होने के कारण इसका सीधा संबंध बुद्धि, बौद्धिक योग्यता, नियोजन और निर्णय क्षमता से हैं। बहुत आकर्षक और सुंदर रत्नों में से पन्ना एक रत्न हैं। यह रत्न अपने गुण और कारकतत्वों का फल धारक को देता हैं बशर्ते की यह रत्न योग्य ज्योतिषी के परामर्श के बाद ही धारण किया जाए। पन्ना रत्न के प्रकार- पन्ना रत्न गहरे हरे रंग के रूप में प्राप्त होता है जबकि बैरुज स्टोन हल्का हरा अथवा हल्का नीला एवं पीले रंग का भी प्राप्त होता है। शुद्ध एवं निर्दोष पन्ना रत्न गहरे हरे रंग का एवं पारदर्शी होता है।

बुध जनित रोगों से निवारण के लिए पन्ना रत्न (Panna Ratna) पहनना चाहिए। बुध रत्न पन्ना धारक की मानसिक विचारधारा और बुद्धि का सहयोग देता हैं। त्वचा रोग, तंत्रिका तंत्र और वाणी से जुड़े रोगों के निवारण में पन्ना रत्न लाभकारी रहता हैं। भाषण योग्यता में वृद्धि होती हैं। मंदबुद्धि व्यक्तियों को इसे धारण करना चाहिए। भावनाओं और तनाव को दूर करने में यह रत्न उपयोगी सिद्ध होता हैं।

तर्क शक्ति और ज्ञान अर्जित करने में इस रत्न की भूमिका अहम रहती हैं। रत्न शुभता से मस्तिष्क से जुड़े रोगों और विकारों में सुधार होता हैं। याददाश्त को बेहतर करने के लिए भी पन्ना रत्न पहना जा सकता हैं। जिन व्यक्तियों को सभा में अपनी बात कहने में असहजता का अनुभव होता हैं। उन सभी को यह रत्न धारण करना चाहिए। अपने अन्य गुणों के साथ साथ पन्ना रत्न चिकित्सा क्षेत्र में भी उपयोग में लाया जाता हैं।

छात्रगण अपनी कुंडली का अध्ययन करा इस रत्न को धारण कर सकते हैं। शिक्षा अध्ययन की अवधि में बुध ग्रह अहम फल प्रदान करता हैं। यह रत्न कार्यक्षेत्र में नियोजन, कार्यकुशलता और सहयोगियों से रिश्ते मजबूत करने का कार्य भी करता हैं। लेन-देन का कार्य और व्यापारिक गतिविधियों में सम्मिलित रहने वाले व्यक्तियों को पन्ना रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।

इसके अतिरिक्त यह रत्न हिसाब-किताब और बहीखातों के रख रखाव का कार्य करने वाले वर्ग के लिए भी शुभ रत्न साबित होता हैं। बुध रत्न अपने धारक की गणितज्ञ योग्यता में सुधार करता हैं। जीवन में दु:खों से राहत पाने और अशुभ घट्नाओं को कम करने के लिए पन्ना रत्न पहनना चाहिए।

  • इसके अतिरिक्त पन्ना रत्न ऐसे छात्रों को भी पहनना चाहिए जिनका मन पढ़ाई में नहीं लगता हैं। जो पढ़ते तो हैं परन्तु अधिक देर तक याद नहीं रख पाते हैं।
  • यह माना जाता हैं कि पन्ना रत्न को शुद्ध जल में कुछ देर के डूबोकर रखने और फिर उस जल के छींटें आंखों पर मारने से नेत्र रोगों में आराम मिलता हैं।
  • सर्प के काटने के भय से पीडि़त व्यक्तियों को पन्ना रत्न धारण करने पर इस भय से मुक्ति मिलती हैं।
  • गणना और जमा-घटा का कार्य अथवा इन विषयों में शिक्षा देने का कार्य करने वाले व्यक्तियों को भी पन्ना रत्न पहनना चाहिए।
  • नवम में बुध की राशि होने पर यह भाग्य रत्न बनता हैं इस स्थिति में इस रत्न को धारण कर भाग्योदय किया जा सकता हैं। भाग्य का बली होना धन आगमन का सूचक होता हैं।
  • यदि जन्म कुंडली में बुध ६, ८ और १२वें भाव का स्वामी हों तो पन्ना रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
  • बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अगर लाभ भाव में बैठा हो तो पन्ना पहनने लाभ होता है।
  • मिथुन तथा कन्या राशि वालों के लिए पन्ना पहनना अत्यन्त शुभ रहता है।