भवन निर्माण सम्बन्धी टोटके एवं उपाय
1. पुण्य नक्षत्र में भवन निर्माण करना चाहिए। इस नक्षत्र में भवन सम्बन्धी निर्माण कार्य करना सर्वोत्तम एवं शुभफल प्रद है।
2. ग्रह प्रवेश करते समय दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करना शुभफलदायी और सुख -सम्पन्नता के लिए आवश्यक है।
3. भवन की नींव भरते समय भूमि के चारों ओर जल डालकर रेखा खींच लें और चन्द्र की वस्तुओं से भरा बर्तन चालीस-पैंतालिस दिन तक दबा दें और परिवार में होने वाले शुभाशुभ प्रभाव पर दृष्टि रखें।बर्तन दबाने के समय से ही जन्मकुण्डली में शनि की भाव संख्या के दिन तक अपना शुभाशुभ प्रभाव अवश्य मिलेगा। अशुभ प्रभाव में परिवार में रोग, मुकदमा, झगड़ा या कार्यो में बाधाएं अनायास आ जायेंगी। यदि अशुभ प्रभाव होता है तो तुरन्त दबाया हुआ बर्तन निकालकर बहते पानी (नदी या नाले) में बहा देने पर अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है। यह ध्यान रखें कि इस नींव पर भवन निर्माण न करें, यदि करेंगे तो कुटुम्ब बर्बाद हो जायेगा।
4. जन्मकुण्डली में शनि तीसरे भाव में हो तो केतु का उपाय अवश्य करें। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो निर्धन हो जायेंगे और अशुभ फल से ग्रस्त हो जायेंगे।
5. जन्मकुण्डली में शनि चैथे भाव में हो तो अपना भवन नहीं बनाना चाहिए। किराए के भवन में ही रहना शुभ है। यदि भवन बनाएंगे तो बडे-बुजुर्गो (माता, दादी, सास, ननिहाल वाले) को कष्ट होगा।
6. जन्मकुण्डली में शनि पांचवे भाव में हो तो अपना भवन नहीं बनाना चाहिए। यदि भवन बनायेंगे तो सन्तान को कष्ट होगा या उसकी बलि ले लेंगे। यदि भवन बनाना ही चाहते है तो निर्माण से पूर्व शनि की बड़ी भारी वस्तु भैंसा या भैस दान में दे दें या बलि के लिए जीवित ही स्वतन्त्र छोड़ दे। शनि की वस्तु भी दान में देना नहीं चाहते।