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गुरुवार व्रत: गुरुवार का दिन भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित, करें ये उपाय मिलेगा मनचाहा लाभ

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सप्ताह के सातों दिन देवी देवताओं को समर्पित हैं। गुरुवार का दिन भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-उपासना की जाती है। इसके साथ ही इस दिन गुरुवार का व्रत भी किया जाता है। इसे सुहागिन महिलाएं घर में सुख, शांति और समृद्धि तथा अविवाहित लड़कियां मनचाहा वर प्राप्ति के लिए करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मनचाहा वर और मनचाही नौकरी भी मिलती है।

गुरुवार व्रत महत्व

धर्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीहरि विष्णु को केला अति प्रिय है। इसलिए उनका निवास स्थान केले के पेड़ में होता है। अतः गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन पीले रंग वस्त्र धारण करना अति शुभ होता है। जबकि पीले रंग के फल और फूलों से भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा उपासना की जाती है। इस दिन केले के पेड़ को अर्घ्य देने तक मौन व्रत रखना का भी विधान है।

गुरुवार के दिन कुछ कामों को करने की मनाही है,नहीं तो श्री हरि हो जाएंगे नाराज़

गुरुवार व्रत पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान ध्यान कर पीले रंग का वस्त्र (कपड़े) पहनें। अब यथाशीघ्र ( मौन रह) भगवान भास्कर और केले के पेड़ को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद केले के पेड़ की पूजा गुड़, चने की दाल, केले, पीले चंदन और फूल से करें। गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें। अंत में भगवान श्रीहरि विष्णु जी की आरती कर मनचाहे वर की कामना नारायण हरि विष्णु से करें।

पीले रंग युक्त भोजन करें

दिन भर अपनी क्षमता के अनुसार उपवास रखें। शाम में आरती-अर्चना के बाद पीले रंग युक्त भोजन करें। इसके लिए आप बेसन की रोटी बनाकर खा सकती हैं। अगले दिन नित्य दिनों की तरह पूजा पाठ सम्पन्न कर व्रत खोलें। एक चीज का ध्यान रखें कि गुरुवार को तेल और साबुन का उपयोग न करें।