AstrologyGods and Goddessव्रत एवं त्योहार

भगवान शिव को क्यों चढ़ाते हैं बेल पत्र, जाने

385views

Sawan 2019: सावन मास में भगवान शिव को भांग, धतूरा, मदार, बेलपत्र, बेर आदि अर्पित करने से वे जल्द प्रसन्न होते हैं। सावन मास में यदि प्रतिदिन यह संभव न हो सके तो सावन के प्रत्येक सोमवार को बेलपत्र, भांग और धतूरा अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से वे अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। सावन के सोमवार के अलावा भी आप किसी भी मास के सोमवार के दिन बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करें, तो वे प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव को बेलपत्र अ​र्पित करने का क्या महत्व है, आइए जानते हैं।

ALSO READ  ग्रहों के अनुसार आपका परफेक्ट करियर

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बेलपत्र चढ़ाने से शिव जी का मस्तक शीतल रहता है। बेल पत्र से भगवान शिव की पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है और व्यक्ति सौभाग्यशाली बनता है। इससे हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं क्योंकि वे शिव के ही अवतार हैं।

बेल पत्र का महत्व:

1. तीनों लोकों में जितने पुण्य-तीर्थ स्थल प्रसिद्ध हैं, वे सभी तीर्थ स्थल बेल पत्र के मूलभाग में स्थित माने जाते हैं।

2. जो लोग अपने घरों में बेल का वृक्ष लगाते हैं, उन पर शिव की कृपा बरसती है। घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में उसे लगाने से यश और कीर्ति की प्राप्त‍ि होती है।

ALSO READ  ग्रहों के अनुसार आपका परफेक्ट करियर

3. घर के उत्तर-दक्षिण दिशा में बेल का वृक्ष लगाने से घर में सुख-शांति रहती है।

4. यदि बेल का वृक्ष घर के बीच में लगा हो तो घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती है और परिजन खुशहाल रहते हैं।

5. जो व्यक्ति बेल के वृक्ष के मूल भाग की गन्ध, पुष्प आदि से पूजा अर्चना करता है, उसे मृत्यु के पश्चात शिव लोक की प्राप्ति होती है।

बेल पत्र से जुड़ी कुछ खास बातें

1. चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथियों को, संक्रांति के समय और सोमवार को बेल पत्र नहीं तोड़ना चाहिए। पूजा से एक दिन पूर्व ही बेल पत्र तोड़कर रख लें।

ALSO READ  ग्रहों के अनुसार आपका परफेक्ट करियर

2. बेल पत्र कभी अशुद्ध नहीं होता है। यदि आपको पूजा के लिए नया बेल पत्र नहीं मिल रहा है तो आप किसी दूसरे के चढ़ाए गए बेल पत्र को स्वच्छ जल से धोकर भगवान शिव को अर्पित कर सकते हैं।

3. बेल पत्र में 3 पत्त‍ियां होनी चाहिए। कटी-फटी पत्तियों का बेल पत्र भगवान शिव को अर्पित न करें।