
पार्टनर दूर क्यों हो रहा है? जानिए ग्रहों का सीधा असर!
प्यार इंसान की सबसे गहरी भावनाओं में से एक है। रिश्ते जितने खूबसूरत होते हैं, उतने ही संवेदनशील भी। कभी-कभी बिना किसी वजह के लगता है कि पार्टनर का व्यवहार बदल गया है — पहले की तरह प्यार नहीं मिल रहा, पहले जैसी बात नहीं हो रही, और अचानक रिश्ता फीका-फीका लगने लगता है। ऐसी स्थिति में मन में कई सवाल उठते हैं:
“क्या वो मुझसे दूर हो रहे हैं?” “क्यों बदल गए हैं?” “कहीं किसी और की वजह से तो नहीं?”
लेकिन ज्योतिष बताता है कि रिश्तों का दूर होना हमेशा किसी इंसान की वजह से नहीं होता। बहुत बार इसके पीछे ग्रहों का सीधा प्रभाव होता है। ग्रहों की स्थिति, दशा-अंतरदशा, गोचर और कुंडली के योग प्रेम जीवन में गहरा असर डालते हैं।
1. रिश्तों पर ग्रहों का प्रभाव—
ज्योतिष में लव लाइफ मुख्यतः इन ग्रहों से प्रभावित होती है:
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शुक्र (Venus) – प्रेम, रोमांस, आकर्षण, सामंजस्य
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चंद्रमा (Moon) – भावनाएँ, संवेदनशीलता, मन की स्थिरता
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शनि (Saturn) – दूरी, ठंडापन, परीक्षण
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मंगल (Mars) – ऊर्जा, गुस्सा, टकराव
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राहु-केतु – भ्रम, गलतफहमी, संदेह
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बुध (Mercury) – बातचीत, समझदारी, कम्युनिकेशन
जब ये ग्रह अशुभ स्थिति में चले जाते हैं, तब रिश्ता धीरे-धीरे भावनात्मक रूप से कमजोर होने लगता है और पार्टनर दूरी बनाना शुरू कर देता है।

2. शुक्र (Venus) का बिगड़ना — रिश्तों में दूरी का मुख्य कारण
शुक्र प्रेम का ग्रह है।
अगर शुक्र ठीक नहीं है तो प्यार की ऊर्जा घटने लगती है।
शुक्र के अशुभ होने की स्थितियाँ:
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नीच राशि में हो (कन्या में)
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राहु या केतु से पीड़ित हो
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मंगल या शनि की कड़ी दृष्टि में हो
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6th, 8th या 12th भाव में कमजोर बैठा हो
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शुक्र की महादशा/अंतरदशा खराब चल रही हो
इसके प्रभाव:
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पार्टनर का ध्यान कम होना
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आकर्षण या लगाव का घट जाना
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रोमांटिक बातचीत का खत्म होना
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एक-दूसरे से समय न मिलना
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दिलचस्पी में गिरावट
जब शुक्र कमजोर होता है, तब पार्टनर का मन धीरे-धीरे बदलने लगता है और रिश्ता ठंडा होता जाता है।

3. चंद्रमा का कमजोर होना — भावनात्मक दूरी और उदासीनता
चंद्रमा मन, भावनाओं और रिश्ते के भावनात्मक संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है।
चंद्रमा कमजोर होने पर व्यक्ति भावनात्मक रूप से अस्थिर हो जाता है।
चंद्रमा कमजोर होने के संकेत:
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मूड स्विंग
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छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ होना
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भावनाएँ स्पष्ट न करना
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बातों को यूँ ही मन में दबा लेना
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मानसिक उलझन
रिश्ते पर प्रभाव:
जब चंद्रमा कमजोर होता है, पार्टनर
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कम बात करता है
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भावनाएँ व्यक्त नहीं करता
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रिश्ते में ठंडापन आ जाता है
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मानसिक दूरी बढ़ जाती है
कई रिश्ते केवल भावनाओं की कमी से टूट जाते हैं।

4. शनि (Saturn) — दूरी, परीक्षा और उदासी का ग्रह
शनि रिश्ते को परखता है।
ये प्यार को खत्म नहीं करता, लेकिन कठिनाइयाँ ज़रूर लाता है।
जब शनि परेशान करता है:
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साढ़ेसाती
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ढैया
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शनि की महादशा
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सप्तम भाव में शनि
इसके प्रभाव:
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एक-दूसरे से भावनात्मक दूरी
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गलतफहमियाँ
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समय न मिलना
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रिश्ते में तनाव
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जिम्मेदारियों का बोझ
कई बार व्यक्ति खुद भी नहीं समझ पाता कि वह क्यों दूरी बना रहा है — यह शनि की ऊर्जा होती है।
5. मंगल (Mars) — गुस्सा, झगड़ा और ईगो
अगर मंगल तीखा हो, तो प्यार की जगह तकरार बढ़ जाती है।
मंगल की खराब स्थितियाँ:
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शत्रु राशि में
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7th भाव पर दृष्टि
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शुक्र के साथ शत्रुता
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कुंडली में “मंगल दोष”
प्रभाव:
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बिना कारण झगड़े
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गुस्सा
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ईगो टकराव
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हर बात पर विवाद
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अधैर्य
ऐसे में पार्टनर खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता और धीरे-धीरे दूर होने लगता है।

6. राहु-केतु — भ्रम, शंका और गलतफहमी
राहु-केतु रिश्ते को मानसिक स्तर पर हिला देते हैं।
प्रभाव:
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ओवरथिंकिंग
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संदेह
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झूठे शक
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गलत बातों पर विश्वास
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रिश्ते में तीसरे व्यक्ति का प्रवेश
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दिमाग में भ्रम
कभी-कभी बिना किसी वास्तविक वजह के पार्टनर बस दूरी बनाने लगता है—यह राहु का असर होता है।
7. बुध (Mercury) खराब — बातचीत में ग़लतफ़हमियाँ
बुध संचार का ग्रह है।
बुध का बिगड़ना रिश्ते की सबसे बड़ी कमजोरी बन जाता है।
संकेत:
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बातचीत कम होना
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मैसेज/कॉल का जवाब देर से देना
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छोटी बात पर गलत समझना
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शब्दों का गलत अर्थ निकालना
जब बातचीत ही टूट जाए, तब रिश्ता भी कमजोर होने लगता है।
8. पार्टनर दूर क्यों हो रहा है? ग्रहों के संकेत
इन लक्षणों को ध्यान से देखें — ये ग्रहों के सक्रिय होने के स्पष्ट संकेत हैं:
✔ अचानक बातों में बदलाव
✔ समय न देना
✔ पहले जैसा लगाव न होना
✔ मैसेज/कॉल कम करना
✔ छोटी-छोटी बातों पर उलझना
✔ चुप हो जाना
✔ भावनाएँ व्यक्त न करना
✔ रिश्ते को लेकर भ्रम या डर
अगर ये संकेत मौजूद हैं, तो समझिए कि ग्रहों की दशा चल रही है।
9. ज्योतिषीय योग जो रिश्ते में दूरी लाते हैं
1. सप्तम भाव पर शनि/मंगल की दृष्टि
2. शुक्र नीच राशि में
3. राहु का 5th या 7th भाव में होना
4. शनि-राहु की महादशा
5. चंद्रमा का अमावस्या दोष
6. केतु की अंतरदशा
7. शुक्र की कमजोर नवांश कुंडली
ये योग प्रेम जीवन में चुनौतियाँ लाते हैं।
10. पार्टनर को करीब लाने के शक्तिशाली उपाय
ये उपाय सरल हैं और रिश्ते में तुरंत सुधार लाते हैं:
⭐ 1. शुक्रवार को दूध-शक्कर का दान
शुक्र मजबूत होता है।
⭐ 2. शिव–पार्वती की पूजा करें
दाम्पत्य और प्रेम दोनों मजबूत होते हैं।
⭐ 3. हर सोमवार को चंद्रमा को जल चढ़ाएँ
भावनाएँ संतुलित होती हैं।
⭐ 4. गुलाबी कपड़े/गुलाबी क्वार्ट्ज रखें
शुक्र की ऊर्जा को बढ़ाता है।
⭐ 5. घर में मिठास लाएँ
मीठा बोलें, मीठा खिलाएँ — शुक्र बढ़ता है।
⭐ 6. “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र 108 बार जपें
⭐ 7. रिश्ते में संवाद बढ़ाएँ
बुध ग्रह इससे संतुलित होता है।
⭐ 8. शनि के लिए—काला तिल, उड़द दाल का दान
रिश्तों में स्थिरता आती है।
⭐ 9. राहु-केतु के लिए—हवन या “ॐ राम” का जप
भ्रम और शंका दूर होती है।
11. रिश्ते वापिस कैसे पटरी पर आते हैं?
ज्योतिष कहता है कि:
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ग्रहों की दशा बदलती है
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समस्याएँ अस्थायी होती हैं
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उपाय असर दिखाते हैं
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सकारात्मक ऊर्जा रिश्ते को सुधारती है
अक्सर लोगों को लगता है कि “रिश्ता खत्म हो गया”,
लेकिन जब ग्रह शांत होते हैं तो वही पार्टनर वापस आता है,
एक-दूसरे को ज्यादा समझता है और रिश्ते में नई शुरुआत होती है।
दूरी हमेशा बदले हुए दिल की नहीं, बदले हुए ग्रहों की होती है
पार्टनर का दूर होना
हमेशा प्यार खत्म होना नहीं होता।
कई बार यह ग्रहों की दशा का असर होता है।
यदि आप समझदारी, धैर्य और कुछ सरल ज्योतिषीय उपाय अपनाते हैं,
तो रिश्ते में फिर से मिठास लौट सकती है।
प्यार कभी भी अचानक खत्म नहीं होता —
कभी-कभी वह ग्रहों की परछाइयों के पीछे छिप जाता है,
और सही उपायों से वह फिर से चमक उठता है।





