Other Articles

ग्रह, नक्षत्र और आपसी रिष्तों

207views

ग्रह, नक्षत्र हमारे आपसी रिष्तों पर अपना पूरा प्रभाव डालते हैं। इस संबंध में ज्योतिषषास्त्र में पर्याप्त जानकारी प्राप्त होती है। कुंडली में प्रत्येक ग्रह से कोई ना कोई रिष्ता जुड़ा होता है तथा प्रत्येक भाव से रिष्तेदारो की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सूर्य से जहाॅ पिता तथा पितातुल्य संबंधों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है वहीं पर चंद्रमा से माॅ, मौसी तथा माता संबंधी रिष्तों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। मंगल से भाई तथा मित्रों के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है तो बुध से बहन, बुआ, बेटी, साली और इससे संबंधित रिष्तों के बारे में जाना जा सकता है वहीं पर गुरू से पिता, दादा, गुरू तथा देव का पता चलता है शुक्र से पत्नी तथा स्त्री का पता चलता है शनि से चाचा, माता, सेवक तथा अधिनस्थों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है तो राहु से साला और ससुर तथा केतु से संतान और नाना जैसे रिष्तों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही भाव भी रिष्तों के विषय में जानकारी देते हैं, जिसमें लग्न से स्वयं, दूसरे स्थान से कुटुंब, तीसरे स्थान से छोटे भाई-बहन तथा पड़ोसियों एवं सहायकों के बारे में जाना जा सकता है तो चतुर्थ भाव से माॅ, ससुर तथा नजदीकी रिष्तेदारों के बारे में जानकारी मिलती है तो पंचम से संतान, दोस्त, प्रेमी-प्रेमिका, समाज के संबंध में जाना जा सकता है। षष्ठम स्थान से मातृपक्ष, सेवक तो सप्तम स्थान से जीवनसाथी, पार्टनर के बारे में जानकारी प्राप्त हेाती है तो अष्टम स्थान पितृ संबंधी रिष्तों की जानकारी देता है वहीं नवम स्थान दादा तथा पारिवारिक बुजुर्गो के संबंध में सूचना देता है दषम स्थान से पिता, अधिकारी तथा सहयोगियों के बारे में जाना जा सकता है। एकादष स्थान से बड़े भाई-बहन तथा दोस्तों के बारे में जाना जा सकता है तो द्वादष स्थान से पिता पक्ष तथा, जीवनसाथी से संबंध जाना जाता है तो आध्यामिक रिष्तों के बारे में जाना जाता है अतः इनमें से किसी भी भाव या भावेष की स्थिति प्रतिकूल होने पर उस रिष्तें से हानि तथा कष्ट की संभावना बनती है तो जिस भाव या भावेष की स्थिति अनुकूल हो वह रिष्ता जीवन में सुख तथा सहायक बनता है। इस प्रकार जीवन में कौन सा रिष्ता सहयोगी होगा तथा किस रिष्ते से सुख प्राप्त होगा इसकी जानकारी कुंडली के भाव या भावेष से जाना जा सकता है। जीवन में जो रिष्ता दुखी करता हो, उस रिष्ते से संबंधित ग्रह तथा भाव को मजबूत करने का उपाय आजमाकर शुभ फल पाया जा सकता है।

Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in