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हार्ट अटैक अचानक नहीं आता—जानें वो 10 संकेत जो आपकी जान बचा सकते हैं!

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हार्ट अटैक क्या है? कारण, लक्षण, बचाव और इलाज..

आज के समय में हार्ट अटैक दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। पहले जहाँ यह बीमारी 50–60 साल की उम्र के लोगों में देखी जाती थी, आज 25–35 वर्ष की युवा पीढ़ी भी इसका शिकार हो रही है। खराब जीवनशैली, मानसिक तनाव, गलत खानपान, धूम्रपान, मोटापा और बढ़ता प्रदूषण इसकी प्रमुख वजहें हैं।
इस आर्टिकल में हम हार्ट अटैक से जुड़े हर पहलू को सरल भाषा में समझेंगे—क्या है हार्ट अटैक, क्यों होता है, शुरुआती लक्षण क्या हैं, सही बचाव कैसे करें और जीवनशैली में कौन-सी आदतें हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकती हैं।

हार्ट अटैक क्या है?

हार्ट अटैक को मेडिकल भाषा में Myocardial Infarction कहा जाता है। यह तब होता है जब हृदय (Heart) की मांसपेशियों तक रक्त पहुँचाने वाली धमनियाँ (arteries) किसी कारणवश ब्लॉक हो जाती हैं।
इस ब्लॉकेज के कारण दिल तक ऑक्सीजन नहीं पहुँचती और दिल की मांसपेशियों को नुकसान होने लगता है।
अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है।

हार्ट अटैक क्यों होता है? मुख्य कारण

हार्ट अटैक अचानक नहीं होता—यह कई महीनों या वर्षों में धीरे-धीरे बनता है। इसके प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:

1. कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना

जब शरीर में बुरा कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ जाता है, तो यह रक्त धमनियों की दीवारों पर जमने लगता है, जिससे ब्लॉकेज बनने लगता है। यह ब्लॉकेज आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

2. हाई ब्लड प्रेशर

लगातार उच्च रक्तचाप (High BP) रहने से धमनियों की दीवारें कमजोर हो जाती हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

3. धूम्रपान और शराब

सिगरेट में मौजूद निकोटिन धमनियों को सिकोड़ देता है और खून का प्रवाह धीमा कर देता है।
शराब भी दिल की काम करने की क्षमता पर बुरा असर डालती है।

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4. शुगर (डायबिटीज)

डायबिटीज शरीर की धमनियों में प्लाक बनने की प्रक्रिया को तेज कर देती है। जो लोग शुगर के रोगी हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा दोगुना होता है।

5. मोटापा और पेट की चर्बी

पेट के आसपास बढ़ी चर्बी हार्ट अटैक का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस, हाई BP और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती है।

6. ज्यादा तनाव

Mental Stress हार्मोनल बदलाव करता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और धमनियों में सूजन आती है।
यह सीधे-सीधे हार्ट अटैक की ओर ले जाता है।

7. गलत खानपान

फास्ट फूड, तली-भुनी चीजें, मीठा, ज्यादा नमक—सब मिलकर धमनियों में ब्लॉकेज के खतरे को बढ़ाते हैं।

हार्ट अटैक के शुरुआती और चेतावनी देने वाले लक्षण

हार्ट अटैक आने से पहले शरीर कई संकेत देता है। इन्हें पहचानना बेहद जरूरी है, ताकि समय पर इलाज मिल सके।

1. सीने में दर्द (Chest Pain)

सबसे आम लक्षण—सीने में दबाव जैसा दर्द, जलन या भारीपन।

2. बांह में दर्द

खासकर बाईं बांह में दर्द हार्ट अटैक का संकेत होता है।

3. सांस लेने में तकलीफ

चलते, काम करते या आराम करते समय सांस फूलने लगे तो दिल कमजोर हो सकता है।

4. अत्यधिक थकान

छोटा-सा काम करने पर भी कमजोरी या थकान महसूस होना एक संकेत है।

5. चक्कर आना

खून का प्रवाह प्रभावित होने पर चक्कर आने लगते हैं।

6. ठंडा पसीना

हार्ट अटैक की शुरुआत में ठंडा पसीना आना आम है।

7. सीने से जबड़े तक दर्द फैलना

यह संकेत बिल्कुल नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग क्यों होते हैं?

कई बार महिलाएँ हार्ट अटैक को गैस या पेट दर्द समझकर नजरअंदाज़ कर देती हैं। महिलाओं में अक्सर ये लक्षण दिखते हैं—

  • पीठ में दर्द

  • पेट दर्द

  • जी मिचलाना

  • घबराहट

  • भारी थकान

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इसलिए महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

हार्ट अटैक होते ही क्या करें? (पहली सहायता)

यदि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण दिखें तो तुरंत ये कदम उठाएँ:

1. तुरंत 108 या एंबुलेंस को कॉल करें

घर पर इलाज करने की कोशिश न करें।

2. मरीज को आराम से बैठाएँ

सीधा लेटाने के बजाय आधा बैठने की पोजिशन बेहतर है।

3. टाइट कपड़े ढीले करें

सांस लेने में आसानी होती है।

4. एस्पिरिन चबाने के लिए दें (यदि डॉक्टर ने पहले बताया हो)

यह खून को पतला करता है—लेकिन यह कदम सिर्फ शुगर या BP मरीजों के डॉक्टर की सलाह से ही।

5. खुद ड्राइव करके अस्पताल न जाएँ

झटका बढ़ सकता है।

समय ही सबसे बड़ी दवा है—हार्ट अटैक में पहले Golden 60 Minutes बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

हार्ट अटैक का इलाज कैसे किया जाता है?

आमतौर पर अस्पताल में निम्न प्रक्रियाएँ अपनाई जाती हैं:

1. एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)

ब्लॉक धमनियों को खोलने के लिए स्टेंट लगाया जाता है।

2. एंजियोग्राफी

दिल की नसों में कितना ब्लॉकेज है, यह पता करने के लिए।

3. दवाइयों के जरिए ब्लॉकेज खोलना

कुछ मामलों में खून पतला करने और प्लाक को घोलने की दवाइयाँ दी जाती हैं।

4. बाइपास सर्जरी

अगर ब्लॉकेज बहुत ज्यादा हों तो हार्ट बाइपास करना पड़ता है।

हार्ट अटैक से बचाव—लाइफस्टाइल में ये 12 बदलाव करें

हार्ट अटैक 80% मामलों में हमारी जीवनशैली के कारण होता है। इन आदतों को अपनाकर आप बड़ा खतरा कम कर सकते हैं:

1. रोज 30–45 मिनट तेज़ चलना

Walking दिल के लिए सबसे अच्छी दवा है।

2. तली-भुनी चीजें कम करें

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कोलेस्ट्रॉल और ब्लॉकेज का मुख्य कारण।

3. सब्जियाँ, फल, सलाद ज्यादा खाएँ

दिल को स्वस्थ रखने के लिए फाइबर जरूरी है।

4. नमक कम करें

BP नियंत्रित रहता है।

5. धूम्रपान तुरंत बंद करें

एक सिगरेट भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाती है।

6. योग और प्राणायाम

अनुलोम-विलोम, कपालभाति और मेडिटेशन तनाव कम करते हैं।

7. पर्याप्त नींद

7–8 घंटों की नींद दिल को आराम देती है।

8. वजन नियंत्रित रखें

खासकर पेट की चर्बी कम करें।

9. शुगर और BP की नियमित जांच

यदि आप डायबिटिक हैं, तो दिल पर विशेष ध्यान दें।

10. पानी ज्यादा पीएँ

ब्लड फ्लो बेहतर रहता है।

11. ओमेगा-3 युक्त भोजन

अखरोट, अलसी, मछली दिल के लिए अच्छे हैं।

12. तनाव कम करें

जितना ज़्यादा तनाव, उतना बड़ा खतरा।

युवा पीढ़ी में हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहा है?

आज के युवा निम्न कारणों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं:

  • देर रात की नींद

  • फास्ट फूड

  • मोबाइल और स्क्रीन टाइम

  • जिम में ओवरलोडेड वेट

  • तनाव

  • धूम्रपान और शराब

  • हार्मोनल बदलाव

सावधानी न बरतने पर कम उम्र में भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

दिल को मजबूत कैसे बनाएं?

  • नियमित एक्सरसाइज

  • तनाव प्रबंधन

  • सही डाइट

  • समय पर हेल्थ चेकअप

  • पर्याप्त पानी

  • सकारात्मक सोच

दिल को स्वस्थ रखने के लिए शरीर, मन और जीवनशैली—तीनों का संतुलन जरूरी है।

निष्कर्ष

हार्ट अटैक एक गंभीर लेकिन रोकी जाने वाली बीमारी है। ज्यादातर मामलों में यह हमारी गलत आदतों और जीवनशैली के कारण होता है। यदि हम समय रहते सही डाइट, एक्सरसाइज, तनाव नियंत्रण और नियमित स्वास्थ्य जांच को अपनाएँ, तो हार्ट अटैक का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।
लक्षणों को समझें, शरीर के संकेतों को पहचानें और छोटी-सी परेशानी को भी हल्के में न लें—क्योंकि दिल है तो जिंदगी है।