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Kalsarp Dosh : कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं यह दोष , पर‍िवार, नौकरी, शादी सब पर द‍िखता है संकट……

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  कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं यह दोष , पर‍िवार, नौकरी, शादी सब पर द‍िखता है संकट……

आखिर क्‍या होता है कालसर्प योग ?

ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष को बहुत ही हानिकारक बताया गया है। जब किसी की कुंडली में राहु व केतू में सभी ग्रह आ जाएं तो कुंडली कालसर्प दोष की हो जाती है. ‘काल’ समय को कहते हैं और सर्प का मतलब सांप होता है. यानि सांप ने काल में कुंडली लगा ली है. इससे व्यक्ति के सब कार्य अटक जाते हैं. जीवन में कई दुख और बाधाएं आ जाती हैं. ज्योतिष शास्त्र में राहु को सांप का मुख और केतु को सांप की पूंछ माना गया है. जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनकी कुंडली से राहु और केतु अच्छे प्रभाव को नष्ट कर देते हैं.  स‍िर्फ इतना ही नहीं अगर काफी कोशिशों के बाद भी संतान का सुख नहीं म‍िल रहा या संतान की उन्नति नहीं हो रही. आपकी शादी की उम्र हो चुकी है पर शादी नहीं हो रही, वैवाहिक जीवन में तनाव या बार-बार चोट-दुर्घटनाएं हो रही हैं. अगर आप लगातार ऐसी परेशान‍ियों का सामना कर रहे हैं तो आपको तुरंत एक बार अपनी कुंडली जरूर द‍िखा लेनी चाहिए. हो सकता है कि आपकी कुंडली में कालसर्प योग की वजह से ये सारी घटनाएं हो रही हैं.

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कालसर्प दोष के बारे में कहा जाता है, जिस व्यक्ति को ये जकड़ लेता है उसका जीवन संघर्षों से भर देता है, फलों में कमी लता है. सदैव कोई न कोई परेशानी बनी ही रहती है. माना जाता है कि कुंडली में यदि कालसर्प दोष है तो इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है. ये पाप ग्रह राहु और केतु से बनता है.

ज्योतिष शास्त्र में 12 प्रकार के कालसर्प दोष बताए गए हैं-

  1. अनंत कालसर्प दोष
  2. कुलिक कालसर्प दोष
  3. वासुकि कालसर्प दोष
  4. शंखपाल कालसर्प दोष
  5. पदम कालसर्प दोष
  6. महापदम कालसर्प दोष
  7. तक्षक कालसर्प दोष
  8. ककरोट कालसर्प दोष
  9. शंखचूड़ कालसर्प योग
  10. घातक कालसर्प योग
  11. विषधर कालसर्प योग
  12. शेषनाग कालसर्प योग
कालसर्प दोष के लक्षण  
यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसका पता आसानी से लगाया जा सकता है. पता लगने के बाद इसका तुरंत उपाय करना चाहिए.
  • शिक्षा में रूकावट
  • जॉब न मिलना
  • बिजनेस में परिश्रम के बाद भी हानि होना
  • माता-पिता और घर बड़ों से संबंध खराब रहना
  • गलत लोगों से मित्रता
  • सदैव मन में नकारात्मक विचार आना
  • स्वयं को असफल समझना
  • इसके अलावा नींद में शरीर पर सांप को रेंगते देखना, सांप को खुद को डसते देखना।
  • आत्महत्या करने का विचार आना
  • दांपत्य जीवन में कलह और तनाव का रहना
  • संतान उत्पत्ति में बाधा
  • प्रेम संबंधों में बाधा और परेशानी
  • काल सर्प दोष के कारण व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान होता है। साथ ही सिर दर्द, त्वचारोग आदि भी कालसर्प दोष के लक्षण है।
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कालसर्प दोष निवारण

अगर आप भी कालसर्प दोष से परेशान है तो संपर्क करे पंडित प्रियाशरण  त्रिपाठी जी से, जो विगत 20 वर्षों से श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में  यह पूजा कराये जा रहे है , इन तरह के सभी कार्मिक ज्योतिष के बाधाओं निवृत्ति के लिए  श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में नारायणबलि, नागबलि, त्रिपिंडि श्राद्ध, कालसर्प , अर्क विवाह , कुंभ विवाह , पूजा भी  कराये जा रहे है।

कुंडली में इसका पता चलने के बाद इसका उपाय करना बहुत जरूरी बताया गया है. भगवान शिव की पूजा करने से इस दोष का प्रभाव कम होता है. इस दोष से बचने के लिए सावन के प्रत्येक सोमवार में भगवान शिव का अभिषेक करें और इस मंत्र का जाप करें-

  1. ओम नम: शिवाय
  2. ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्‘ 

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कालसर्प दोष दूर करने के उपाय
  • काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को घर या मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।
  • प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है।
  • इसके अलावा उस व्यक्ति को रोजाना कुलदेवता की रोजाना प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए।
  • प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
  • इसके अलावा हनुमान चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करना चाहिए।
  • कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर में मोरपंख रखने चाहिए।
  • चांदी की धातु से बनी नाग के आकृति की अंगूठी को उंगली में धारण करें।
  • प्रतिदिन भगवान विष्णु की आराधना करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है।
  • शनिवार के दिन बहते हुए जल में कोयला का टुकड़ा प्रभावित करने से यह दोष दूर होता है।
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इन तरह के सभी कार्मिक ज्योतिष के बाधाओं निवृत्ति के लिए विगत 20 वर्षों से श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में नारायणबलि, नागबलि, त्रिपिंडि श्राद्ध, कालसर्प , अर्क विवाह , कुंभ विवाह , कराये जा रहे है। खारून के तट पर बना श्री महाकाल धाम तिर्थ जहां देश भर से श्रद्धालु पधारते है। संपर्क सूत्र – पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ज्योतिषाचार्य  – 9753039055 / 9893363928