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जमुनिया रत्न कब पहने ? जानिए…

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 जमुनिया रत्न कब पहने ? जानिए…

जमुनिया रत्न कब पहने :-  आज हम यह बात करने वाले के जमुनिया रत्न को कब पहने ? जमुनिया रत्न ने से हमें लाभ हो सकता है, और साथ ही साथ हम यह भी जानेंगे कि जमुनिया रखना को पहनने से हमें किन किन चीजों में फायदा हो सकता है? सबसे पहले हम यह जान लेते हैं, कि जमुनिया रत्न क्या है? इन की कुछ खास बातें जान लेते हैं।

जमुनिया रत्न  एक प्रकार का प्राकृतिक पत्थर जो कि हमें बहुत सारे लाभ देता हैं। जमुनिया रत्न शनि से संबंधित है। यह रत्न कटेला होता है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति अधिक धनवान हो जाता है। लेकिन उस व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना होगा, कि अगर उसके कुंडली में जमुनिया रत्न  धारण करने का है।

तभी धारण करें अन्यथा उसे धारण ना करें, क्योंकि अगर आपकी कुंडली में धारण करने को नहीं है, तो इसका बुरा प्रभाव आपके ऊपर पड़ सकता है। आपको फायदा होने के बजाय नुकसान हो सकता है।

जमुनिया रत्न  उन्हीं व्यक्ति को पहनना चाहिए, जिसे इसकी आवश्यकता है, और जिस की कुंडली में यह है। कि वह जमुनिया रत्न  पहन सकता है, तो वह व्यक्ति काफी धनवान बन जाता है और बहुत सारे सुखों का लाभ उठा पाता है। जमुनिया रत्न को हर व्यक्ति धारण नहीं कर सकता हैं, क्योंकि किसी के कुंडली में नहीं है, तो किसी के पास रत्न खरीदने की पैसे नहीं है।इसे धारण जो भी व्यक्ति करते हैं। वह वाकई में बहुत हीअधिक सौभाग्यशाली होते हैं, लेकिन इन लोगों में से भी कुछ लोगों को इसका फायदा नहीं हो पाता है। वह इसलिए क्यों किया वह सही जमुनिया रत्न  को पहचान नहीं पाते हैं, तो आपको इसे पहचानना भी आवश्यक है।

सबसे पहले यह जान लेते हैं, कि इस रत्न को जमुनिया रखना क्यों कहते हैं? इस रत्न को जमुनिया रखना इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसका रंग जामुन के रंगों की तरह होता है, इसलिए इसे जमुनिया  कहते हैं। शास्त्र और ज्योतिषी के मुताबिक इस रत्न को बहुत ही शुभ माना जाता है।

जमुनिया रत्न कब पहने

इसे धारण करने वाले को मान सम्मान धन और मानसिक शांति प्राप्त होती है। वह नगरा गलत विचार और बुरे विचार दूर होने लगते हैं। अगर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, या शनि की दशा या महादशा चल रही है तो ऐसे जातक को बुरे प्रभावों से बचाने के लिए नीलम बनाया जाता है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति नीलम नहीं पहन सकता है, तो जमुनिया  को धारण कर सकता है।

1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कटेला का संबंध शनि से माना जाता है। इसे शनि दोष को शांत करने के लिए शनि दोष को दूर करने के लिए शनि के रत्न नीलम के उपरत्न के रूप में प्रयोग किया जाता है, तो कटैला न्याय के देवता शनि देव हैं, और सनी को सभी ग्रहों में न्यायाधीश का पद प्राप्त है। अतः जब कोई व्यक्ति जामुनिया  को धारण करता है।

2. कटेला व्यक्ति को कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने में प्रगति की ओर ले जाने में काफी मददगार साबित होता हैं। कटैला व्यक्ति को धारण करने से उसके निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है, जिससे उपलब्ध अवसरों का और अधिक लाभ उठाया जा सकता है, ऐसा देखा गया है, कि इस रत्न  को धारण करने से व्यक्ति अपने काम के प्रति रुझान बढ़ाने लगता है, यानी कि ऐसा व्यक्ति जो इसे धारण करता है, वह अपने काम के प्रति अधिक समझदार हो जाता है। यह रत्ना व्यक्ति को मेहनती भी बनाता है।

3. ऐसे व्यक्ति जो घुटनों की समस्याओं से ग्रसित है उन्हें जमुनिया रत्न  पहनना चाहिए क्योंकि जमुनिया रत्न धारण करने से घुटने रीड की हड्डी और कंधे की तकलीफ है, तो वह कम होने लगती जमुनिया रत्न प्रकार के समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित होता हैं।

4.जमुनिया रत्न नशे से छुटकारा दिलाने में भी काफी मदद करता है, जिन लोगों में नशे की प्रवृत्ति है, और वह नशा छोड़ना चाहते हैं, तो उन्हें नशा छोड़ने के लिए जमुनिया रत्न धारण कर लेना चाहिए क्योंकि यह रत्ना नशा से मुक्ति दिलाने में नशे की आदत को छुड़ाने में यह काफी मददगार साबित होता है। जमुनिया उपरत्न भी है।

5.जमुनिया रत्न  आपके ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाने में काफी सहायता करता है। यदि आप मेडिटेशन करते हैं, ध्यान करते हैं, तो आपको जमुनिया रत्न  धारण करना चाहिए आपके ध्यान को बढ़ाता है, यदि आपका ध्यान नहीं लगता है। आप एकाग्र चित्त नहीं हो पाते हैं।

आपको कटैला धारण करना चाहिए, तो यदि आप भी जमुनिया रत्न के लाभ लेना चाहते हैं, तो सवाल किया है, कि आपको कितने वजन का जनेऊ धारण करना चाहिए।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आप जमुनिया रत्न पहनना चाहते हैं, तो या रत्ना आपके वजन के हिसाब के बराबर होना चाहिए।

यानी कि उस व्यक्ति का वजन अगर 80 किलो ग्राम है, तो उसे 8 कैरेट ग्राम का जामुनिया धारण करना चाहिए। इसमें इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए, कि कहीं सेवह टूटा हुआ नहीं होना चाहिए उसमें कोई स्क्रैच नहीं होना चाहिए।

वैसे अफ्रीका में पाया जाने वाला कटैला बहुत ही शुभ माना जाता है। अगर आपको अफ्रीका का कटेला मिले तो यह बहुत ही अच्छी बात है, क्योंकि यह रत्ना अधिक महंगा नहीं होता है, और इसके फायदे भी आपको बहुत अधिक होते है।

अगर आप एक विद्यार्थी और आपको अपनी पढ़ाई में मन नहीं लगता है। आप पढ़ना तो चाहते हैं, पर आप का पढ़ने का मन बिल्कुल भी नहीं करता हैं, तो आप जमुनिया रत्न का प्रयोग कर सकते हैं। जमुनिया रत्न आपके पढ़ाई में काफी मददगार साबित होता है। आपकी पढ़ाई में काफी मन लगने लगेगा। आपका मन काफी शांत हो जाएगा साथ ही साथ आपकी एकाग्र शक्ति भी बढ़ेगी और आप एकाग्र मन से पढ़ पाएंगे।

जैसे कि आपको हर विषय समझ में आए अच्छे से और यह जो भूलने की बीमारी होती है। कई लोगों को भूलने की बीमारी होती है। कि वह याद करते हैं। पर भूल जाते हैं, जिन्हें याद नहीं रहता है। वह भी जमुनिया रत्न  को धारण कर सकते हैं।उन्हें भी इसमें काफीमिलेगा और आपकी पढ़ाई में काफी अच्छा रिजल्ट देखने को मिलता है, क्योंकि पढ़ाई के लिए भी सामने रत्न  को बहुत ही शुभ माना जाता है, तो आप भी इसका प्रयोग कर सकते हैं, और इसका लाभ उठा सकते हैं।