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विवाह के समय कुंडली मिलन की सार्थकता

मनुष्य सामाजिक प्राणी है और समाज का निर्माण परिवार से होता है। परिवार का निर्माण दो व्यक्तियों के मिलन से होता है। इस मिलन को हम विवाह कहते हैं। परिवार समाज की मूलभूत इकाई है। एक स्वस्थ व खुशहाल परिवार ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है। भारतीय विवाह पद्धति ही सिर्फ एक ऐसी पद्धति है जिसमें विवाह योग्य लड़के व लड़की की जन्म तिथि व समय के आधार पर कुंडलियां बनाकर उनका मेलापक करके विवाह की अनुमति देते हैं। कुंडली मिलान में 36 गुण होते हैं जिनमें...
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जन्म दशा से जुड़ा पंचम, नवम व द्वादश भावों का संबंध

हिंदू ज्योतिष कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धांत पर आधारित है। यह तथ्य प्रायः सभी ज्योतिषी तथा ज्ञानीजन अच्छी तरह से जानते हैं। मनुष्य जन्म लेते ही पूर्व जन्म के परिणामों को भोगने लगता है। जैसे फल फूल बिना किसी प्रेरणा के अपने आप बढ़ते हैं उसी तरह पूर्वजन्म के हमारे कर्मफल हमें मिलते रहते हैं। हर मनुष्य का जीवन पूर्वजन्म के कर्मों के भोग की कहानी है, इनसे कोई भी बच नहीं सकता। जन्म लेते ही हमारे कर्म हमें उसी तरह से ढूंढने लगते हैं, जैसे बछड़ा झुंड में अपनी...
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पुलिस विभाग में नौकरी

सामान्यतः कहा जाता है कि रुचक योग में जन्म लेने वाला जातक साहसी, नेतृत्वकर्ता, यशस्वी, प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला, शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला, उद्यमशील, लीक से हटकर चलने वाला और परिश्रमी होता है। वस्तुतः अन्य योगों की भांति रुचक योग भी लग्न, भाव एवं भावेश के अनुरूप तथा मंगल की नक्षत्रीय स्थिति के अनुरूप फल देता है। मंगल को दशम भाव में विशेष बली माना जाता है। दशम भावगत उच्चस्थ मंगल से कुलदीपक योग की रचना होती है। हालांकि मंगल को अनिष्टकारी ग्रह माना गया है लेकिन किसी भी...
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संतान सुख में बाधा तो क्या करें

शास्त्र कहता है ‘अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम’ अर्थात मनुष्य को अपने किए गए शुभ-अशुभ कर्मों के फलों को अवश्य ही भोगना पड़ता है। शुभ-अशुभ कर्म मनुष्य का जन्म जन्मांतर तक पीछा नहीं छोड़ते। यही तथ्य बृहतपाराशर होरा शास्त्र के पूर्वशापफलाध्याय में स्पष्ट किया गया है। इस अध्याय में मैत्रेय जी महर्षि पाराशर से पुत्रहीनता का कारण और उसकी निवृत्ति का उपाय जानना चाहते हैं। मैत्रेय जी कहते हैं- ‘पुत्रहीन व्यक्ति को सद्गति नहीं मिलती, ऐसा शास्त्रों में कहा गया है। अतः कृपया कहें कि पुत्रहीनता किस पाप के कारण...
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Sun in twelve houses

1st House:- Tall body, nose and forehead high, well proportioned body. Mentally disturbed with spouse and members of in-laws. Fond of tourism, foreign travel. Establishment away from homeland. Financial ups and downs. Gets angry very soon, self-respect, brave, courageous, playful. Problems in marriage. Ambitious,body ache, injury in head, weak eyesight, bald-headed.Whimsical, apprehensive, suspicious. Loss of wealth and property and therefore assets keep on varying. Health problems at the age of 15, mostly suffers from eczema.If debilitated, marriage not possible before age of 24, loss of wealth and son, loss of...
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Each house of the horoscope signifies certain aspects of life

Each house of the horoscope signifies certain aspects of life which are as under:- First House:- Body, appearance, personality, face, health, character, temperament, intellect, longevity, fortune, honour, dignity, prosperity. Second House:- Wealth, family, speech, right eye, nail, tongue, nose, teeth, ambition, food, imagination, power of observation, jewellery, precious stones, unnatural sex, loss by cheating and violence between life partners. Third House:- Younger brothers and sisters, cousins, relatives, neighbors, courage, firmness, valour, chest, right ear, hands, short journeys, nervous system, communication, writing – editing books, reporting to newspapers, education, intellect. Fourth...
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