हिंदू संस्कृति में पंचांग का महत्व
हिंदू संस्कृति में पंचांग का अपना विशेष महत्व है। जीवन के विभिन्न संस्कारों, यात्राओं, किसी कार्य के आरंभ आदि में पंचांग की सहायता ली जाती है। उद्देश्य केवल एक होता है - व्यक्ति और समाज के जीवन को सुखमय बनाना। अयन, विषुव, ऋतु, सौर एवं चंद्र, पक्ष, तिथि (सूर्य एवं चंद्र उदयास्त सहित), दिनमान, रात्रिमान और नक्षत्र पंचांग के मुख्य अंग हैं। इन सारे तथ्यों का विश्लेषण गणित के आधार पर किया जाता है। सौर मास से संक्रांतियां, षष्ठि, संवत्सर और वारों के आकलन को भी इस व्यवस्था से जोड़कर...