स्नान -दान-श्राद्ध की अमावस्या
स्नान -दान-श्राद्ध की अमावस्या - भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आष्विन मास की प्रति तथा आष्विन मास की अमावस्या तक का समय अपने पितरों तथा पूर्वजो को पूजन, याद करने तथा उनकी मुक्ति हेतु दान करने का होता है। इस माह में किए गए दान एवं पूण्य जीवन में सुख तथा समृद्धिदायी होती है साथ ही कष्टों को दूर करने वाली होती है। आष्विन मास के अमावस्या को पितृपक्ष का अंतिम दिन माना जाता है। पूरे 15 दिवस चलने वाले इस पितरतर्पण का विसर्जन आष्विन मास की अमावस्या को किये...