जाने गायत्री मंत्र की सम्पूर्ण ज्ञान समस्त विद्याओं की भण्डागार-गायत्री महाशक्ति ॐ र्भूभुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् गायत्री संसार के समस्त ज्ञान-विज्ञान की आदि जननी है । वेदों को समस्त प्रकार की विद्याओं का भण्डार माना जाता है, वे वेद गायत्री की व्याख्या मात्र हैं । गायत्री को 'वेदमाता' कहा गया है । चारों वेद गायत्री के पुत्र हैं । ब्रह्माजी ने अपने एक-एक मुख से गायत्री के एक-एक चरण की व्याख्या करके चार वेदों को प्रकट किया । 'ॐ भूर्भवः स्वः' से-ऋग्वेद, 'तत्सवितुर्वरेण्यं' से-यर्जुवेद,...