AstrologyGods and Goddess

माॅ दुर्गा की सातवीं शक्ति “माॅ कालरात्रि “

माॅ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। ये तीनों नेत्र ब्रम्हाण्ड के सदृष गोल हैं। इनके विद्युत के समान चमकीली किरणें निःसृत होती रहती हैं। इनकी नासिका के श्वास-प्रष्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएॅ निकलती रहती हैं। इनका वाहन गर्दभ अर्थात् गदहा है। इनकी चार भुजाओं में से दाहिने ओर के उपर की भुजा में...
AstrologyGods and Goddess

माॅ दुर्गा के छठवें स्वरूप “माॅ कात्यायनी”

माॅ दुर्गा के छठवें स्वरूप का नाम कात्यायनी देवी हैं। मान्यता है कि जब दानव महिषासुर का अत्याचार बहुत बढ़ गया तब भगवान ब्रम्हा, विष्णु और महेष तीनों ने अपने-अपने तेज का अंष देकर महिषासुर के विनाष के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की इसी कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा। माॅ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए व्रत की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थी। ये व्रत मंडल की अधिष्ठात्री देवी...
AstrologyMarital Issues

नाड़ी दोष और भकूट दोष का व्यवहारिक स्वरूप

भारतीय ज्योतिष में कुंडली मिलान के लिए प्रयोग की जाने वाली गुण मिलान की विधि में मिलाएॅ जाने वाले अष्टकूटों में नाड़ी और भकूट को सबसे अधिक गुण प्रदान किये जाते हैं। नाड़ी को 8 और भकूट को 7 गुण प्रदान किय जाते हैं। मिलान की विधि में यदि नाड़ी और भकूट के गुण मिलते हैं तो गुणों को पूरे अंक और ना मिलने की स्थिति में शून्य अंक दिया जाता है। इस प्रकार से अष्टकूटों के मिलान में प्रदान किये जाने वाले 36 गुणों में 15 गुण केवल इन...
व्रत एवं त्योहार

कार्तिक अमावस्या और दीपावली को महालक्ष्मी पूजन

कार्तिक अमावस्या और दीपावली को महालक्ष्मी पूजन कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इससे पूर्व लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए घरों की साफ-सफाई की जाती है। कहाॅ जाता है कि इस दिन भगवान रामचंद्र चैदह वर्ष का वनवास पूरा कर रावण को मारकर अयोध्या लौटे थे। अयोध्या वासियों ने खुशी में दीपमालायें जलाकर महोत्सव मनाया था। इसी दिन उज्जैन सम्राट विक्रमादित्य का राजतिलक भी हुआ था। तभी से विक्रमी संवत का आरंभ माना जाता है। यह नव वर्ष का पहला दिन होता है। आज...
व्रत एवं त्योहार

कार्तिक मास की नरक चतुदर्शी और यम की पूजा

कार्तिक मास की नरक चतुदर्शी और यम की पूजा आज के दिन नरक से मुक्ति पाने के लिए तेल लगाकर अपामार्ग के पौधे सहित जल में स्नान करना चाहिए और संध्या काल में दीप दान करना चाहिए। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य का वध किया था। एक बार रंतीदेवी नामक राजा हुए थे। वे बड़े धर्मात्मा और दानी थे। उनकी अंतिम काल में यमदूत उन्हें नरक ले जाने के लिए आयें, राजा ने यमदूतों से इस बारे में प्रश्न किया तो यमदूतों ने बताया कि तुम्हारे द्वार...
1 463 464 465 466
Page 465 of 466