ग्रह विशेष

यदि बुध तृ्तीय भाव में स्थित हो ? तो करें ये उपाय

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यदि बुध तृ्तीय भाव में स्थित हो ? तो करें ये उपाय

तीसरा घर
तीसरे घर में बुध की स्थिति में मंगल नं. 1 में होने पर हमेशा उत्तम प्रभाव देता है। दूसरों की सहायता में मंदा, परंतु अपने स्वार्थ हेतु शेर जैसे तेज दांतो वाला होता है। जातक के भाई-बिरादरी वाले उसके लिए नेक तथा सहायक साबित होते हैं।जातक की आयु 80 वर्ष होती है।सामान्य तौर पर वह खुदगर्ज,काइयां और अपना काम किसी भी तरह बनाने वाला इंसान होता है।

वह दुनियादारी, परोपकार, धर्म-कर्म से कोसों दूर रहने वाला एवं नास्तिक होता है। इसी कारण मंदे हालात में उसका समय बद से बदतर गुजरता है।बृहस्पति के 9, 11 में रहने पर स्थिति सुधरती है। शुक्र की चीजें कारोबार में सहायक सिद्ध होती है। मंदे हालात का बुध जिद्यी, कोढी, किसी की जड़ काटने में तत्पर तथा तीखी बुद्धि वाला होता है।

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जातक का परिवार, धन एवं माया आदि सब कुछ चाल-चलन की खराबी तथा राहु-केतु की शरारतों से बरबाद हो जाता है। यदि मंगल नेक हो तो बुध के जहर से बचाव होता रहेगा। अतः जातक को मंगल का उपाय करना चाहिए। मंदा बुध अपने स्वार्थ के आगे धन, परिवार,स्त्री एवं लड़की तक को बरबाद करने वाला होता है।

यदि मंगल बद होने की दशा में मंदे बुध वाला जातक 32 दांतो का हो तो अपनी बदजबानी से वह कई घरों को तबाह करता है। नौवें घर में बैठे ग्रह तथा उनकी चीजें उजडे़ कारोबार को ज्यादा उजाड़ देती है। ग्यारहवें घर में स्थित ग्रह मुर्दो जैसी हालत पैदा करते है, जिनसे जातक की गृहस्थी नष्ट-भ्रष्ट हो जाती है। वर्षो की कमाई एवं पुश्तैनी जायदाद क्षणों मे हाथ से निकल जाती है। कुल मिलाकर मंदी का असर अत्यधिक बुरा साबित होता है। मंदे हालात से बचने के लिए ढाक के पत्ते दूध से धोकर किसी वीराने में गाड़ दें। जिस बर्तन