ग्रह विशेष

जानें क्या होता है टकराव के ग्रह ?

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टकराव के ग्रह

’लाल किताब’ के अनुसार फलादेश के लिए टकराव के ग्रहों को समझना जरूरी है। जो ग्रह एक-दूसरे से छठे या आठवें घर में बैठ जाएं, फिर वे शत्रु हों या मित्र, उनकी मित्रता या शत्रुता का महत्व नहीं रहता।ग्रह अगर एक दूसरे से छठे और आठवें घर में होते हैं तो टकराव के ग्रह बनते हैं। सूर्य और शनि कुण्डली में टकराव के ग्रह बनते हैं तब भी शुक्र मंदा फल देता है जिससे गृहस्थी का सुख प्रभावित होता है। पति पत्नी के बीच वैमनस्य और मनमुटाव रहता है।

ऐसी स्थिति में बैठे ग्रह एक-दूसरे से शत्रुता ही करेंगे।

यदि एक ग्रह पहले घर मे और दूसरा ग्रह आठवें घर में हो तो पहले घर में बैठा ग्रह आठवें घर में बैठे ग्रह पर पूर्णतया बुरा प्रभाव डालेगा। आठवें घर का ग्रह पहले घर में बैठे ग्रह पर कोई बुरा प्रभाव नहीं डाल सकता।