archiveCultural Renaissance in Medieval India

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सम्राट लक्ष्मिकार्ण का जीवन महाकालधाम अमलेश्वर से अभिन्न था

  वीर लोकमणि: कलचुरी सम्राट लक्ष्मिकार्ण की कथा संवत् 1098 (ई. सन् 1041) — मध्य भारत की कलचुरी वंशीय धरा पर एक नूतन नक्षत्र उदित हुआ, जिसका नाम था लक्ष्मिकार्ण। महाकाल की नगरी उज्जैन से लेकर गोदावरी तट तक फैले उनके साम्राज्य में वीरता, संस्कृति और धर्म की ज्योति उज्ज्वल हो उठी। बाल्य से पराक्रम तक लखनऊपुरी (आज का खड़गपुर, छत्तीसगढ़) में जन्मे लक्ष्मिकार्ण बचपन से ही मेष राशि के गुणों से युक्त थे—दृढ़निश्चयी, साहसी और न्यायप्रिय। केवल 15 वर्ष की अवस्था में माता-पिता का सान्निध्य खोकर सिंहासन संभाला। प्रथम...