हिंदू पंचांग के अनुसार पूरे साल में 24 एकादशी पड़ती हैं। इन सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी सबसे महात्वपूर्ण और फलदायी मानी जाती है। इस साल निर्जला एकादशी 13 जून को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना करने से पूरे 24 एकादशियों के व्रत का फल मिलता है। आज के दिन बिना पानी पिए व्रत रखा जाता है। यदि जल का सेवन करते भी हैं तो, अन्न कदापि न ग्रहण करें।
निर्जला व्रत रखने से कई जन्मों के पापों का भी नाश होता है। आज के दिन अपने माता-पिता और गुरु का भी चरण स्पर्श करना चाहिये। और यदि हो सके तो धार्मिक पुस्तक का दान करें। यह महीना गर्मी का होता है इसलिए प्याऊ की व्यवस्था करने से आपको अधिक लाभ मिलेगा। इस दिन इंसान ही नहीं बल्कि पक्षियों और जानवरों को भी पानी पिलाना चाहिये। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त…
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त- अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:52 से दोपहर 12:47 तक
अशुभ मुहूर्त- राहुकाल-दोपहर 01:30 बजे से 3 बजे तक
निर्जला एकादशी के नियम –
इस दिन किसी भी कीमत पर अन्न ग्रहण न करें। किसी की निन्दा न करें। माता पिता और गुरु का अपमान न करें। घर में चावल न तो पकाएं और न खाएं। गन्दगी ना फैलाएं और हो सके तो दिन में ना सोएं।
जानें क्यों कहते हैं इसे ‘भीम एकादशी’
हिंदू पुराण के अनुसार भीम को छोड़कर बाकी के सभी पांडव वर्ष भर में आने वाली सभी एकादशियों का व्रत रखते थे। भीम बिना भोजन के नहीं रह पाते थे। इस बात की ग्लानि हमेशा भीम को रहती थी मगर करें तो क्या करें भूख को नियंत्रित नहीं कर पाते थे। इस समस्या के समाधान के लिए वो महर्षि व्यास के पास गए और अपनी सारी व्यथा सत्यता पूर्वक सुनाई। यह सुनकर व्यास जी ने उन्हें एक बार बिना जल के निर्जला एकादशी का व्रत रखने को कहा। इस प्रकार यह एक व्रत सारी एकादशी के बराबर पुण्य देगा इसीलिए इस एकादशी को भीम एकादशी भी कहते हैं।