जड़ी-बूटी को निमंत्रण देना अनिवार्य क्यों?जानें
टोटके करने हेतु जिस जड़ी-बूटी को लाना हो उसे एक दिन पहले ’’निमंत्रण’’ देना अनिवार्य होता है। बाजारू अन्य पुस्तकों में ’’वनस्पति’’ सम्बन्धी टोटके तो लिखे हैं, परन्तु जडी़-बूटियों को लाने की, उसे ’’आमंत्रण’’ करने की आध्यात्मिक विधि वर्णित नहीं है। वनस्पतियों को किस योग में, किस तिथि को और किस वार (दिवस) को लायी जाय, इसका वैदिक विधि नहीं लिखी गई है।
ऐसी टोटकों की पुस्तकें बाजारों में धडल्ले से बिक तो रही है, परन्तु उन पुस्तकों को खरीदने वाले पाठक जब पढ़कर टोटके करते है तो परिणाम शून्य होता है,जिससे पाठकगण हतास हो जाते हैं, निराश हो जाते हैं और झल्लाकर कहते है कि यंत्र-मंत्र-तंत्र टोटके आदि ’’बकवास’’ है। ऐसे हताश व निराश पाठकों को मै विश्वास दिलाता हूॅ कि यत्र-मंत्र-तंत्र टोटके आदि बकवास नहीं बल्कि ये कठोर सत्य है। जब हम वैदिक विधि-विज्ञान से ऋषि-महर्षियों के निर्देशित नियमों के अनुसार जड़ी-बूटियाॅ लायेंगे तभी वे सफलता प्रदान करायेगी।
हम लोग जब कोई विवाह, यज्ञ आदि कोई शुभ समारोह करते है तो उस समारोह में पधारने हेतु अपने कुटुम्बों को , मित्रों को, रिश्तेदारों को पहले’’निमंत्रण कार्ड’’ भेजते है तभी वे आते है और हमारी मदद भी करते हैं। उसी प्रकार वनस्पति, जड़ी-बूटियाॅ भी आदर चाहती है। आदर के साथ लाई गयी जड़ी-बूटियाॅ ही प्रसन्नचित होकर टोटकों में सफलताएं प्रदान करती है। अतः टोटकों में लाने वाली जड़ी-बूटियों को आमंत्रित करने की वैदिक विधि है जो इस प्रकार है