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राहु-मंगल की युति से जातकों के जीवन में होती हैं ऐसी कई घटनाएँ…जानिए

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मंगल-राहु की युति संकट भरी

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कुंडली में मंगल राहु का योग होने से व्यक्ति का क्रोध विध्वंसकारी होता है। सामान्य रूप से तो प्रत्येक व्यक्ति को क्रोध आता है पर कुंडली में राहु मंगल का योग होने पर व्यक्ति का क्रोध बहुत प्रचंड स्थिति में होता है और व्यक्ति अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं कर पाता और बहुत बार क्रोध में बड़े गलत कदम उठा बैठता है।

कुंडली में मंगल राहु का योग होने पर जीवन में दुर्घटनाओं की अधिकता होती है और कई बार दुर्घटना या एक्सीडेंट का सामना करना पड़ता है कुंडली में मंगल राहु का योग होने पर व्यक्ति को वाहन चलाने में भी सावधानी बरतनी चाहिए।

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कुंडली में मंगल राहु का योग होने पर व्यक्ति को शत्रु और विरोधियों की और से भी बहुत समस्याएं रहती है और जीवन में वाद विवाद तथा झगड़ों की अधिकता होती है। कुंडली में मंगल राहु का योग बड़े भाई के सुख में कमी या वैचारिक मतभेद उत्पन्न करता है और मंगल राहु के योग के नकारात्मक परिणाम के कारण ही व्यक्ति को जीवन में कर्ज की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।

साथ ही यदि स्त्री जातक की कुंडली में मंगल राहु का योग हो तो वैवाहिक जीवन को बिगड़ता है स्त्री की कुंडली में मंगल पति और मांगल्य का प्रतिनिधि ग्रह होता है और राहु से पीड़ित होने के कारण ऐसे में पति सुख में कमी या वैवाहिक जीवन में संघर्ष की स्थिति बनी रहती है।

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जिन लोगो की कुंडली में मंगल राहु का योग होता है उन्हें अक्सर जमीन जायदाद से जुड़ी समस्याएं भी परेशान करती हैं। इसके अलावा मंगल राहु का योग हाई बी.पी. मांसपेशियों की समस्या, एसिडिटी, अग्नि और विद्युत दुर्घटना जैसी समस्याएं भी उत्पन्न करता है। तो यहां हमने देखा की मंगल और राहु का योग किस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न करता है।

लाभकारी होंगे ये उपाय

1. ॐ अंग अंगारकाय नमः का नियमित जाप करें।

2. हनुमान चालीसा का पाठ करें।

3. प्रत्येक शनिवार को साबुत उड़द का दान करें।

4. प्रत्येक मंगलवार को गाय को गुड़ खिलाएं।

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5. प्रतिदिन मस्तक पर सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाएं।

राहु और मंगल की युति बहुत शुभ नहीं मानी जाती है। इन दोनों ग्रहों की युति से अंगारक योग का निर्माण होता है। ज्योतिष शास्त्र में अंगारक योग को अशुभ माना जाता है।

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