
नीचे ज्योतिषीय विवाह-योग (Marriage Yog) को सरल, स्पष्ट और प्रभावी तरीके से समझाया गया है—कब बनते हैं, कैसे बनते हैं और किन स्थितियों में विवाह जल्दी/देर से होता है।
विवाह के योग कब और कैसे बनते हैं?
(जन्मकुंडली का गहन ज्योतिषीय विश्लेषण)
विवाह-योग के प्रमुख भाव (Houses)
💠 7वां भाव – विवाह और जीवनसाथी का मूल भाव
- यह बताता है कि विवाह कब, किस प्रकार के व्यक्ति से, और कैसा दांपत्य मिलेगा।
- यदि 7वें भाव/7वें भाव के स्वामी पर शुभ ग्रह हों → जल्दी व शुभ विवाह।
- पाप ग्रहों की दृष्टि/संयोग → विवाह में बाधा, देरी, विवाद।
💠 2रा भाव – परिवार का विस्तार
- विवाह के बाद परिवार में सम्मिलन, संस्कार और स्थिरता इस भाव से देखी जाती है।
💠 11वां भाव – इच्छापूर्ति का भाव
- शादी की इच्छा कब पूर्ण होगी, यह भाव सक्रिय होने पर विवाह-योग प्रबल होता है।
विवाह योग बनाने वाले ग्रह (Planets)
🌙 शुभ ग्रह (विवाह को तेज करते हैं)
- गुरु (Jupiter) – स्त्रियों की कुंडली में पति का कारक, जल्दी और अच्छे विवाह का योग।
- शुक्र (Venus) – पुरुषों की कुंडली में पत्नी का कारक, आकर्षण, प्रेम, रिश्ते।
- चंद्रमा – अच्छे परिवार व सामंजस्य देता है।
🔥 पाप ग्रह (Delay/Obstacles)
- शनि – देरी, उम्र में अंतर, बाधा लेकिन स्थिर विवाह।
- मंगल – मांगलिक प्रभाव, विवाह से पहले विवाद या पारिवारिक अड़चन।
- राहु-केतु – अचानक रिश्ते टूटना, धोखा, लव मैरिज के योग भी इन्हीं से बनते हैं।
विवाह-योग कब सक्रिय होते हैं? (Timing)
ज्योतिष में विवाह मुख्यतः तब होता है जब ग्रहों की दशा/अंतरदशा निम्न में से हों—
- 7वें भाव का स्वामी
- शुक्र (पुरुष)/गुरु (स्त्री)
- लाभेश (11वें भाव का स्वामी)
- 2रे भाव का स्वामी
- या इन ग्रहों पर शुभ गोचर का प्रभाव
गोचर से विवाह योग बनने के संकेत
- गुरु (बृहस्पति) यदि व्यक्ति की कुंडली के
- 1st, 5th, 7th, 9th या 11th से गुजरता है → मजबूत विवाह योग
- शनि 7वें भाव को स्पर्श करे → स्थिर विवाह
- शुक्र का गोचर 7वें, 11वें में → रिश्ते पक्के।
विवाह जल्दी होने के संकेत
✔ 7वें भाव/स्वामी पर गुरु/शुक्र की दृष्टि
✔ चंद्रमा मजबूत
✔ लग्नेश + सप्तमेश की शुभ युति
✔ धनेश, लाभेश व शुक्र की मजबूत स्थिति
✔ कुंडली शुभ राशि (कर्क, वृश्चिक, मीन, वृषभ) में हो
विवाह में देरी के संकेत
❌ 7वें भाव में शनि/मंगल/राहु
❌ सप्तमेश का नीच होना
❌ गुरु का कुंडली में कमजोर होना (स्त्रियों में खासकर)
❌ कुंडली में कालसर्प, मांगलिक दोष, पितृ दोष
❌ सूर्य की कठोर दृष्टि 7वें भाव पर
❌ 11वें भाव का कमजोर होना
लव मैरिज या अरेंज?
❤️ लव मैरिज योग
- शुक्र + राहु
- 5वां भाव मजबूत
- 5वें भाव का स्वामी 7वें से जुड़ जाए
- कुंभ, मिथुन, तुला राशि वालों में अधिक
💍 अरेंज मैरिज योग
- शुक्र/गुरु पर पिता का ग्रह सूर्य मजबूत
- 2, 7, 11 भाव शुभ
- चंद्रमा शांत और संस्कारी राशि में
विवाह के लिए श्रेष्ठ आयु (General)
- महिलाएँ: 21–26
- पुरुष: 24–30
अगर 7वें भाव में शनि हो → विवाह 28–32 तक टल सकता है।
अगर मंगल+राहु प्रभाव → जल्दी प्रेम, देर से विवाह।
🔱 निष्कर्ष (सार)
विवाह तभी होता है जब
(1) 7वां भाव सक्रिय हो + (2) शुभ ग्रहों की दशा आए + (3) गोचर में गुरु का अच्छा प्रभाव हो।


