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राहु–केतु ब्रेसलेट पहनने से पहले जान लें ये जरूरी नियम ?

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राहु-केतु ब्रेसलेट: कौन पहन सकता है?

ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा गया है। ये ग्रह प्रत्यक्ष दिखाई नहीं देते, लेकिन मानव जीवन पर इनका प्रभाव अत्यंत गहरा होता है। जब कुंडली में राहु या केतु अशुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, अचानक हानि, भ्रम, रोग, भय, बाधाएँ और असफलताएँ बढ़ जाती हैं।
इन्हीं नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए आजकल राहु-केतु ब्रेसलेट पहनने की परंपरा तेजी से बढ़ रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या हर व्यक्ति राहु-केतु ब्रेसलेट पहन सकता है?

राहु-केतु ब्रेसलेट क्या होता है?

राहु-केतु ब्रेसलेट आमतौर पर निम्न तत्वों से बनाया जाता है—

  • गोमेद (Hessonite)

  • लहसुनिया (Cat’s Eye)

  • पंचमुखी या एकमुखी रुद्राक्ष

  • काले व सफेद मनकों का संयोजन

यह ब्रेसलेट राहु और केतु के ऊर्जा संतुलन को सुधारने के उद्देश्य से पहना जाता है।

ज्योतिष में राहु और केतु का महत्व

राहु

  • भ्रम, महत्वाकांक्षा, विदेशी संपर्क

  • राजनीति, मीडिया, तकनीक

  • अचानक लाभ और हानि

  • मानसिक अस्थिरता

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केतु

  • वैराग्य, मोक्ष, आध्यात्म

  • अचानक दुर्घटनाएँ

  • रहस्यमय रोग

  • एकांतप्रिय स्वभाव

जब ये ग्रह अशुभ हो जाएँ, तो व्यक्ति का जीवन असंतुलित हो सकता है।

राहु-केतु ब्रेसलेट पहनने के लाभ

  • मानसिक शांति में वृद्धि

  • भय, भ्रम और चिंता में कमी

  • बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा

  • अचानक आने वाली बाधाओं से सुरक्षा

  • करियर और व्यापार में स्थिरता

  • आध्यात्मिक उन्नति

राहु-केतु ब्रेसलेट कौन पहन सकता है?

1. जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष हो

कालसर्प दोष राहु-केतु के कारण बनता है। ऐसे जातकों के लिए यह ब्रेसलेट अत्यंत लाभकारी होता है।

2. राहु या केतु की महादशा/अंतरदशा चल रही हो

यदि जीवन में अचानक समस्याएँ बढ़ रही हों, तो यह संकेत हो सकता है कि राहु-केतु सक्रिय हैं।

3. बार-बार असफलता और भ्रम का सामना करने वाले

जो व्यक्ति निर्णय नहीं ले पाता या बार-बार गलत फैसले करता है, उन्हें राहु-केतु ब्रेसलेट पहनने से लाभ मिल सकता है।

4. मानसिक तनाव और डर से पीड़ित लोग

राहु मानसिक भ्रम और भय उत्पन्न करता है। ब्रेसलेट इससे राहत देता है।

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5. व्यापार में अचानक घाटा या धोखा खाने वाले

राहु छल और भ्रम का ग्रह है। यह ब्रेसलेट धोखाधड़ी से बचाव करता है।

6. साधना और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वाले

केतु आध्यात्म का कारक ग्रह है। यह ब्रेसलेट ध्यान और साधना में सहायक होता है।

राहु-केतु ब्रेसलेट कौन नहीं पहनना चाहिए?

1. बिना कुंडली देखे

हर व्यक्ति के लिए यह ब्रेसलेट शुभ हो, ऐसा आवश्यक नहीं। गलत स्थिति में पहनने से नुकसान भी हो सकता है।

2. जिनकी कुंडली में राहु-केतु शुभ हों

यदि ये ग्रह पहले से ही अनुकूल हों, तो ब्रेसलेट पहनने से उनके प्रभाव बिगड़ सकते हैं।

3. गर्भवती महिलाएँ

ऊर्जा परिवर्तन के कारण गर्भवती महिलाओं को इसे पहनने से बचना चाहिए।

4. 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे

बच्चों की ग्रह स्थिति संवेदनशील होती है, इसलिए बिना विशेषज्ञ सलाह यह न पहनाएँ।

5. जो लोग अत्यधिक क्रोधी हों

राहु की ऊर्जा ऐसे लोगों में आक्रामकता बढ़ा सकती है।

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राहु-केतु ब्रेसलेट पहनने का सही तरीका

  • दिन: शनिवार या बुधवार

  • समय: सूर्योदय के बाद

  • हाथ: दाहिने हाथ में (पुरुष), बाएँ हाथ में (महिला)

  • मंत्र:

    • “ॐ रां राहवे नमः”

    • “ॐ कें केतवे नमः”

  • शुद्धिकरण: गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करें

राहु-केतु ब्रेसलेट और रुद्राक्ष का संबंध

कई ब्रेसलेट में रुद्राक्ष लगे होते हैं—

  • 8 मुखी रुद्राक्ष – राहु

  • 9 मुखी रुद्राक्ष – केतु

इनका संयोजन राहु-केतु दोष को शांत करता है।

क्या राहु-केतु ब्रेसलेट सभी राशियों के लिए समान है?

नहीं।

  • मेष, सिंह, वृश्चिक: विशेष सावधानी

  • मिथुन, तुला, कुंभ: राहु का प्रभाव अधिक

  • धनु, मीन: केतु का प्रभाव अधिक

इसलिए राशि के अनुसार चयन आवश्यक है।

निष्कर्ष

राहु-केतु ब्रेसलेट एक प्रभावशाली ज्योतिषीय उपाय है, लेकिन हर व्यक्ति के लिए नहीं
इसे पहनने से पहले कुंडली का सही विश्लेषण आवश्यक है।
सही व्यक्ति, सही समय और सही विधि से पहना गया राहु-केतु ब्रेसलेट जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और मानसिक शांति प्रदान कर सकता है।