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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कौन-सी मूर्तियाँ रखें और किस दिशा में रखें?

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भारतीय संस्कृति में घर केवल रहने की जगह नहीं, बल्कि एक पवित्र ऊर्जा केंद्र माना जाता है। घर में स्थापित देवताओं की मूर्तियाँ न सिर्फ आध्यात्मिक शांति देती हैं, बल्कि वास्तु दोषों को शांत करने, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लेकिन यदि गलत देव प्रतिमा, गलत दिशा, या अनुचित स्थान पर मूर्ति रख दी जाए, तो वही मूर्ति नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती है।

घर में मूर्तियाँ रखने का महत्व (Importance of Idols at Home)

वास्तु शास्त्र के अनुसार, देव मूर्तियाँ घर में—

  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं
  • नकारात्मक शक्तियों को दूर रखती हैं
  • मानसिक शांति और स्थिरता देती हैं
  • परिवार में सौहार्द बढ़ाती हैं
  • धन, स्वास्थ्य और सफलता को आकर्षित करती हैं

लेकिन यह तभी संभव है जब मूर्तियाँ सही विधि और स्थान पर स्थापित हों।

घर में मूर्तियाँ रखने की सर्वोत्तम दिशा

दिशा महत्व
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) सबसे शुभ, पूजा के लिए सर्वोत्तम
पूर्व दिशा सूर्य ऊर्जा, ज्ञान और उन्नति
उत्तर दिशा धन, करियर और प्रगति

दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम या शयनकक्ष में मूर्तियाँ रखना वर्जित माना गया है।

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1. भगवान गणेश की मूर्ति – प्रथम पूज्य

🕉️ महत्व

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है।

 वास्तु अनुसार स्थान

  • उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) सर्वोत्तम
  • वैकल्पिक: पूर्व या उत्तर दिशा

 ध्यान रखें

  • गणेश जी की पीठ दिखाई न दे
  • टूटी या खंडित मूर्ति न रखें
  • एक घर में एक से अधिक गणेश मूर्ति न रखें

2. माता लक्ष्मी की मूर्ति – धन और समृद्धि की देवी

महत्व

माता लक्ष्मी धन, वैभव, सौभाग्य और समृद्धि की प्रतीक हैं।

सही स्थान

  • उत्तर दिशा (धन की दिशा)
  • पूजा कक्ष में भगवान विष्णु के साथ

 गलतियां

  • लक्ष्मी जी की मूर्ति को शयनकक्ष या बाथरूम के पास न रखें
  • दरवाजे के सामने सीधे न रखें

3. भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग

महत्व

भगवान शिव शांति, तप, वैराग्य और कल्याण के देवता हैं।

सही स्थान

  • उत्तर-पूर्व दिशा
  • शिवलिंग का मुख उत्तर की ओर

नियम

  • घर में बहुत बड़ा शिवलिंग न रखें
  • केवल एक शिवलिंग रखें
  • शिवलिंग को रसोई या शयनकक्ष में न रखें
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4. सूर्य देव की मूर्ति या चित्र

महत्व

सूर्य देव आत्मबल, स्वास्थ्य और यश प्रदान करते हैं।

वास्तु अनुसार

  • पूर्व दिशा की दीवार
  • उगते सूर्य का चित्र सर्वोत्तम

5. भगवान कृष्ण की मूर्ति

 महत्व

कृष्ण प्रेम, आनंद और भक्ति के प्रतीक हैं।

सही स्थान

  • पूजा कक्ष
  • उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा

ध्यान दें

  • राधा-कृष्ण की मूर्ति सौम्य मुद्रा में हो
  • युद्ध या कुरुक्षेत्र का दृश्य न रखें

6. हनुमान जी की मूर्ति

महत्व

हनुमान जी साहस, शक्ति और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करते हैं।

सही दिशा

  • दक्षिण दिशा सर्वोत्तम
  • मुख दक्षिण या पूर्व की ओर

गलत स्थान

  • शयनकक्ष में न रखें
  • बहुत उग्र रूप न रखें

7. दुर्गा, काली या अन्य उग्र देवी

वास्तु चेतावनी

  • उग्र रूप की देवी की मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए
  • यदि रखें तो पूजा कक्ष में सीमित पूजा के साथ

8. बुद्ध या जैन तीर्थंकर की मूर्ति

 महत्व

शांति, ध्यान और संतुलन के प्रतीक।

सही स्थान

  • उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा
  • ध्यान मुद्रा सर्वोत्तम

किन मूर्तियों को घर में नहीं रखना चाहिए

  • टूटी या खंडित मूर्तियाँ
  • बहुत अधिक संख्या में मूर्तियाँ
  • शोक, युद्ध या विनाश दर्शाने वाली प्रतिमाएँ
  • मृतकों की मूर्ति या फोटो पूजा स्थान पर
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शयनकक्ष में मूर्तियाँ रखना – सही या गलत?

वास्तु के अनुसार शयनकक्ष में देव मूर्ति रखना उचित नहीं
यदि मजबूरी हो तो—

  • केवल छोटी तस्वीर रखें
  • पूजा न करें
  • मूर्ति का मुख सीधे बिस्तर की ओर न हो

मूर्तियों की सफाई और देखभाल

  • नियमित रूप से साफ करें
  • धूल जमी मूर्तियाँ न रखें
  • टूटी मूर्ति को नदी में प्रवाहित करें या पीपल के नीचे रखें

पूजा घर के वास्तु नियम

  • पूजा घर जमीन से थोड़ा ऊँचा हो
  • पूजा करते समय मुख पूर्व या उत्तर की ओर
  • पूजा घर के ऊपर या नीचे शौचालय न हो

निष्कर्ष (Conclusion)

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सही मूर्तियों का चयन और उनका उचित स्थान जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
याद रखें—

देव मूर्ति आस्था का विषय है, लेकिन वास्तु उसका मार्गदर्शन करता है।

यदि आप श्रद्धा के साथ-साथ वास्तु नियमों का पालन करते हैं, तो आपका घर ऊर्जा, शांति और समृद्धि का केंद्र बन सकता है।