समुद्रशास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की हथेली देखकर उसके बीते समय, वर्तमान स्थिति और आने वाले कल का पता लगाया जा सकता है। हमारे हाथ में बहुत सी रेखाएं होती हैं जिसका संबंध हमारे जीवन से होता है। हर एक रेखा कुछ न कुछ कहती है। यहां आप जानेंगे हाथ में मौजूद जीवन रेखा के बारे में, जो कि काफी महत्वपूर्ण रेखा है। इसे पितृ रेखा और गोत्र रेखा भी कहा जाता है।गुरु पर्वत यानी तर्जनी उंगली के निचले भाग से जो रेखा निकलकर शुक्र पर्वत यानी अंगूठे के निचले क्षेत्र को घेरे हुए मणिबंध तक पहुंचती है। वह रेखा जीवन रेखा कहलाती है। जानिए इस रेखा से जुड़ी दिलचस्प जानकारी…
– अगर जीवन रेखा छोटी हो तो यह व्यक्ति की कम उम्र का संकेत देती है और अगर ये रेखा लंबी है तो व्यक्ति की दीर्घायु का इशारा करती है। इस रेखा का टूटा हुआ होना अशुभ माना जाता है। लेकिन इस रेखा के साथ अगर कोई अन्य रेखा समानांतर रूप से चल रही हो तो इसका अशुभ प्रभाव खत्म हो सकता है।
– यदि जीवन रेखा सुंदर और साफ होकर शुक्र क्षेत्र को घेरती हुई मणिबंध के पास पहुंचकर खत्म हो जाती है तो ऐसा इंसान का जीवन स्वस्थ, दीर्घायु और ऐश्वर्य युक्त व्यतीत होगा।
– यदि जीवन रेखा से कोई शाखा गुरु पर्वत क्षेत्र की ओर उठती दिखाई दे या उससे मिल जाए तो इसका मतलब व्यक्ति को कोई बड़ा पद या व्यापार में तरक्की प्राप्त होगी।
– यदि जीवन रेखा से छोटी-छोटी रेखाएं निकलकर ऊपर की तरफ जा रही हैं तो इसका मतलब आपको अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
– यदि जीवन रेखा, हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा तीनों शुरुआत में मिली हुई हो तो व्यक्ति परेशानियों से घिरा होता है।
– यदि जीवन रेखा गुरु पर्वत से प्रारंभ हुई हो तो व्यक्ति अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
– अगर जीवन रेखा पर वर्ग का चिह्न है तो यह व्यक्ति के जीवन की रक्षा करता है। अगर आपके शुक्र पर्वत को जीवन रेखा घेरी हुई है तो इसका अर्थ है कि आपका वैवाहिक जीवन सुखमय रहने के साथ-साथ स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा।