astrologer

लक्ष्मी प्राप्ति की कुछ ज्योतिष्य उपाय

141views

कुछ ऐसे दुर्लभ उपाय होते हैं, जिनकी जानकारी जनसामान्य को आम-तौर पर नहीं होती। परन्तु इनका उपयोग करने से निश्चित रूप से लाभान्वित हो सकते हैं और कठिन परिस्थितियों व आर्थिक अभाव की स्थिति में इनका आश्रय ग्रहण किया जा सकता है। इसी कारण इस लेख का नाम लक्ष्मी प्राप्ति के उपायों को चमत्कारी बताना तर्क संगत है, क्योंकि इसमें बताए गये लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय विद्वत् समाज में सर्वमान्य है। इस लेख में लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय़ जिनमें धन लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय, लक्ष्मी प्राप्ति मन्त्र जप, श्री धन लक्ष्मी प्राप्ति यन्त्र / लक्ष्मी आकर्षण यन्त्र पूजन तथा जड़ी-बूटियों का उपयोग व लक्ष्मी प्राप्ति यज्ञ, अनुष्ठान विधि तथा उद्देश्यों का उल्लेख सम्मिलित है।
अपने घर के ईशान कोण में श्री यंत्र ताम्रपत्र, रजत पत्र या भोजपत्र पर बनायें। प्राण प्रतिष्ठा करके नित्य पूजा करने से विविध ऐश्वर्य के साथ लक्ष्मी प्राप्त होती है।
अर्क (अकोड़ा), छाक (छिला), खैर, अपामार्ग, पीपल की जड़, गूलर की जड़ खेजड़े की जड़, दुर्वा एवं कुशा की जड़ को एक चांदी की डिब्बी में रखकर नित्य पूजा करें। जीवन में कभी असफलता नहीं आयेगी, नवग्रह शांत रहेंगे सुख सम्प की बढ़ोरी होगी। धन लक्ष्मी प्राप्ति के टोटकों में यह टोटका अनुभूत सिद्ध प्रयोग है।
सम्पूर्ण दीपावली की रात्रि ‘‘हत्था जोड़ी” को सामने रखकर ‘‘धनम् देहि” मंत्र का जाप करें निश्चित रूप से धन की प्राप्ति होगी। यह धन लक्ष्मी प्राप्ति का टोटका है
यदि दीपावली रविवार को हो तो ब को लाल रंग से रंग दें। यदि सोमवार को हो तो ब पर सफेद अबीर लगा दें। मंगल को हो तो लाल, बुधवार को हो तो हरा, बृहस्पतिवार को हो तो पीला रंग, शुक्रवार को हो तो सफेद अबीर, शनिवार को हो तो ब में काला अबीर लगायें। धन की वृद्धि होगी।
लक्ष्मी आकर्षण यंत्र या छसा यंत्र दीवाली की रात्रि को सफेद कोरे कागज पर लाल स्याही से या अष्टगंध से लिखकर 100 छोटी-छोटी गोलियां बना लें। उन गोलियों को सवा किलो आटे में घी, शक्कर (चीनी) का बूरा दूध मिला दें। गीले आटे में गोली डालकर छोटी-छोटी आटे की गोलियां बना लें। विभिन्न मंत्र बोलते हुए मछलियों को खिलाएं। धन सम्प की वर्ष भर कमी नहीं रहेगी। ‘‘ऊँ महाशक्ति वेगेन, आकर्षय आकर्षय मणिभद्र स्वाहा”
दीवाली पूजन के समय कौड़ियों को केसर या हल्दी से रंगकर पीले कपड़े में बांध लें और फिर इन कौड़ियों को धन रखने के स्थान पर रखें, धन की कमी नहीं रहेगी।
पांच गोमती चक्र दीपावली के दिन पूजा के समय थाली में रखें और निम्न मंत्र का उच्चारण 108 बार (एक माला) करें। ‘‘ऊँ वे आरोग्यानिकरी रोग नशेषा नमः’’ इसको धन के स्थान पर रखने से धन की कमी नहीं रहेगी। सब रोगों का नाश होगा। शरीर स्वस्थ रहेगा।
गोमती चक्र उपरोक्त मंत्र से या ऊँ लक्ष्मी नमः’’ से अभिमंत्रित करके लाल पोटली में बांध लें और दुकान में किसी स्थान पर रख दें। जब तक पोटली दुकान में रहेगी तो निश्चय ही व्यापार में उन्नति होगी या व्यापार रुक गया तो फिर तेजी से शुरु हो जायेगा।
दीपावली के दिन प्रातःकाल उठकर तुलसी के की माला बनाकर श्री महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें। धन लाभ होगा।
दीपावली की प्रातःकाल सबसे पहले साबुत काले उड़द और चमकीला काला वस्त्र किसी को दान करें या शनि मंदिर में चुप-चाप रख दें, ग्रह दोष समाप्त हो जायेगा।
दीपावली के दिन काली मिर्च के दाने ‘ऊँ क्लीं’ बीज मंत्र का जप करते हुए परिवार के सदस्यों के सिर पर घुमाकर दक्षिण दिशा में घर से बाहर फेंक दें, शत्रु शांत हो जायेंगे।
दीपावली की रात को 11 हल्दी की गांठ लें, इनको पीले कपड़े में बांध लें फिर लक्ष्मी-गणेश की संयुक्त फोटो के सामने घी का दीपक जलायें और 11 माला निम्न मंत्र का उच्चारण करें। ‘‘ऊँ वक्र- तुण्डाय हं।’’ फिर हल्दी की गांठों वाली पोटली अपने हाथ में लेकर ‘श्रीं श्रीं’ का जाप करते हुए कैश बाक्स में रखें और प्रतिदिन धूप दें। लक्ष्मी स्थिर रहेगी।
दीपावली के दिन 11 ‘‘कौड़ियां,’’11 गोमती चक्र, 5 सुपारी एवं 5 काली हल्दी की गांठें लें। अब काली हल्दी की गांठ पर पीली पिसी हुई हल्दी की छींटे लगाते समय श्रीं श्रीं का उच्चारण करते रहें। दीपावली की सारी रात उस सामग्री को पड़े रहने दें, अगले दिन इन सारी वस्तुओं को पीले कपड़े मं बांधकर तिजोरी में रख दें, लक्ष्मी वर्ष भर प्रसन्न रहेंगी।
घर में कमलगट्टे की माला, लघु नारियल, दक्षिणावर्ती शंख, श्वेतार्क गणपति, श्री यंत्र, कुबेर यंत्र, धन लक्ष्मी यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र व कमला यंत्र आदि स्थापित कर जो भी दीपावली की रात को नित्य इनकी पूजा करता है ‘उनके घर में लक्ष्मी पीढ़ियों तक वास करती हैं।’ स्मरण रहे इस लेख में दिये गये विभिन्न प्रकार के धन लक्ष्मी यंत्रों का विधिवत् पूजन विशेष फलदायी होता है।
दीपावली की रात्रि को लक्ष्मी जी की फोटो के सामने शुद्ध देशी घी के दीपक जलाकर कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का उच्चारण करें ‘ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं दारिरय विनाशके जगत्मासूत्यै नमः’। इस मंत्र से लक्ष्मी देवी प्रसन्न होती हैं। यही क्रिया यदि रोज करें तो लक्ष्मी का वास स्थिर हो जायेगा।
दीपावली के दिन शनि की साढ़ेसाती, ढैया या अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए काले तिल और कपास की ब से सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शमी के पौधे के सामने शनि मंत्र का उच्चारण करें। शनि का बुरा प्रभाव कम हो जायेगा, शुभ फल देगा।
शंख में, गोबर में, आंवले में और सफेद वस्तुओं में लक्ष्मी का वास होता है। इनका प्रयोग सदा करें। सदा आंवला घर में रखें। लक्ष्मी का वास सदा रहेगा।
दीपावली पूजन के बाद पूरे घर में गुग्गुल का धुआं दें। बुरी आत्माओं और आसुरी शक्तियों से रक्षा रहेगी।
यदि बिल्ली के जेर मिल जायें तो दीपावली की रात्रि को या किसी शुभ मुहूर्त में उस पर हल्दी लगाएं और बायें हाथ की मुठ्ठी में रखकर आखें बंद करके ‘‘मर्जबान उल किस्ता’’ यह मंत्र 54 बार पढ़ें और दूसरे दिन उसे धन रखने के स्थान पर रखें।
दीपावली की शाम को अशोक वृक्ष की जड़ अशोक वृक्ष से मांगकर लायें तथा अपने पास रखें, धन स्थिर रहेगा।
दीपावली को प्रातः काल महालक्ष्मी के चित्र के समक्ष घी का दीपक, 2 लौंग डालकर जलाएं। नैवेद्य में खीर या हलवा रखें। तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें और ‘‘ऊँ नमो महालक्ष्म्यै नमः’’ मंत्र का जाप करें। लक्ष्मी प्रसन्न रहेगी और घर में वास रहेगा।

ALSO READ  श्री महाकाल धाम में महाशिवरात्रि के दुर्लभ महायोग में होगा महारुद्राभिषेक