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जब,चन्द्रमा चतुर्थ भाव में हो…

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चन्द्रमा चतुर्थ भाव में

1. मेष लग्न – इस कुण्डली में चन्द्रमा चतुर्थेश होकर चतुर्थ स्थान में स्थित होगा अतः मोती धारण करने से सुख शान्ति में वृद्धि होगी। जमीन और जायदाद बनेगी। वाहन प्राप्ति होगी।

2. वृष लग्न- चन्द्रमा तृतीयेश होकर चतुर्थ स्थान में सिंह राशि में स्थित होगा,अतः मोती पहनना लाभदायक है। बहन-भाईयों,पड़ोसियों से सम्बन्ध अच्छे रहेंगे।

3. मिथुन लग्न – चन्द्रमा द्वितीयेश होकर चतुर्थ स्थान में कन्या राशि में स्थित होगा,अतः मोती धारण करने से धन धान्य,सुख में वृद्धि होगी।

4. कर्क लग्न – चन्द्रमा लग्नेश होकर चतुर्थ स्थान में तुला राशि में स्थित होगा, अतः मोती धारण करने से सुख में वृद्धि करता है। मकान एवं वाहन का लाभ होगा।

5. सिंह लग्न – चन्द्रमा द्वादशेश होकर चतुर्थ भाव में नीच राशि वृश्चिक में स्थित होगा अतः मोती धारण करने से सुख का नाश,धन की हानि होगी। मन बेचैन रहे। जातक की मां बीमार रहे अथवा उसकी आयु कम हो।

6. कन्या लग्न – चन्द्रमा लाभेश होकर चतुर्थ भाव में धनु राशि में स्थित होगा, अतः मोती धारण करने से धन में वृद्धि होगी। मोती अवश्य पहनें।

7. तुला लग्न – चन्द्रमा दशमेश होकर चतुर्थ भाव में मकर राशि में स्थित होगा, अतः मोती धारण करने से धन में वृद्धि होगी,यश मान बढ़ेगा। जनता एवं अधिकारियों से लाभ रहेगा।

8. वृश्चिक लग्न –चन्द्रमा भाग्येश बनकर चतुर्थ भाव में मीन राशि में स्थित होगा, अतः मोती धारण करना लाभदायक है।

9. धनु लग्न – चन्द्रमा षष्ठेश बनकर चतुर्थ भाव में मीन राशि में स्थित होगा,अतः मोती धारण करना हानिकारक है। मन की शांति भंग हो सकती है।

10. मकर लग्न – चन्द्रमा सप्तमेश बनकर चतुर्थ भाव में मेष राशि में स्थित होगा,यह लाभकारी स्थिति है। मोती धारण करने से विवाह योग्य लड़की-लड़कांे की शादि का योग बनेगा।

11. कुम्भ लग्न – चन्द्रमा षष्ठेश होकर चतुर्थ स्थान में वृष राशि में स्थित;मोती धारण करने से घरेलू चीजों का नुक्सान होगा अतः मोती धारण न करें क्योंकि इससे चोरी का भय रहेगा। घर में कलह भी रह सकती हैं।

12. मीन लग्न – चन्द्रमा पंचमेश होकर चतुर्थ भाव में मिथुन राशि में स्थित होगा । मोती धारण करना हानिकारक नहीं है।

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