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पढ़ने में है कमजोर ? तो , जानें कौन से ग्रह हैं जिम्मेदार

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पढ़ने में है कमजोर ? जानें कौन से ग्रह हैं जिम्मेदार

Grah Dosha: बच्चों के पढ़ाई- लिखाई में कमजोर होने के पीछे बुध और चंद्रमा जैसे ग्रहों को जिम्मेदार माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि जब कुंडली में इन दोनों ग्रहों स्थिति खराब हो तो बच्चे पढ़ाई में कमजोर रह जाते हैं। हालांकि कुछ विशेष उपाय करके कुंडली के इनके दोषों को दूर किया जा सकता है।

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अच्छी पढ़ाई-लिखाई के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी होती है। यदि किसी इंसान की एकाग्रता भंग है तो निश्चित ही उसे पढ़ाई में अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे। यदि आपका बच्चा पढ़ाई-लिखाई में अच्छा नहीं है तो इसके पीछे दो प्रमुख ग्रह जिम्मेदार हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा और बुध का हमारी एकाग्रता से सीधा कनेक्शन होता है। चंद्रमा मन को प्रभावित करता है और बुध मस्तिष्क को। बच्चों के पढ़ाई, लिखाई में कमजोर होने के पीछे इन दोनों ग्रहों को ही जिम्मेदार माना जाता है। इनका दोष केवल शैक्षणिक स्तर पर ही नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि करियर के मोर्चे पर  भी असफलता का कारण बनता है.

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बुध ग्रह पढ़ाई में कब दिक्कत देता है  ?

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बुद्धि के प्रदाता बुध जब कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें भाव में बैठे हों और इन पर देव गुरु बृहस्पति की दृष्टि पड़े तो शिक्षा के क्षेत्र में बहुत समस्याएं आती हैं। यदि शिक्षा के ग्रह ही कुंडली में पीड़ित होंगे तो पढ़ाई-लिखाई के मामले में जातकों का पिछड़ना स्वभाविक है

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 पढ़ाई में रुकावट कब आता है ?

ज्योतिष में चंद्रमा का शिक्षा के साथ खास कनेक्शन बताया गया है। ऐसा कहते हैं कि यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा पीड़ित है तो उसे शिक्षा के क्षेत्र में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। हालांकि अगर कुंडली में चंद्रमा पर देव गुरु बृहस्पति की दृष्टि हो तो परिणाम ज्यादा बुरे नहीं होते हैं।

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इन तरह के सभी कार्मिक ज्योतिष के बाधाओं निवृत्ति के लिए विगत 20 वर्षों से श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में नारायणबलि, नागबलि, त्रिपिंडि श्राद्ध, कालसर्प , अर्क विवाह , कुंभ विवाह , कराये जा रहे है। खारून के तट पर बना श्री महाकाल धाम तिर्थ जहां देश भर से श्रद्धालु पधारते है। संपर्क सूत्र – पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ज्योतिषाचार्य  – 9753039055 / 9893363928