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जानिए,नाड़ी दोष निरस्तीकरण

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नाड़ी दोष निरस्तीकरण

1. यदि जातक का जन्म रोहिणी, आद्र्रा, मृगशिरा, कृतिका, पुष्य, श्रवण, रेवती तथा उत्ताराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है तो नाड़ी दोष नहीं होता है।

2. यदि चन्द्र राशि, वर या वधू दोनों की बृहस्पति, शुक्र या बुध द्वारा शासित है, तो नाड़ी दोष निरस्त हो जाएगा। यदि वर और वधू की राशियों का स्वामी एक ही ग्रह हो, अर्थात् एकाधिपत्य हो, तो नाड़ी दोष, भकूट दोष तथा गण दोष सभी निरस्त हो जाते हैं।

3. नाड़ी दोष तब निरस्त हो जाएगा, यदि जन्म नक्षत्र वर/वधू का एक ही हो, किन्तु चरण भिन्न हों, अर्थात् दोनो एक ही नक्षत्र के भिन्न-भिन्न चरण मे जन्में हों।

4. यदि वर/वधू दोनों का एक ही नक्षत्र में जन्म हों , किन्तु चन्द्र राशि भिन्न हो।

5. यदि वर/वधू दोनों की राशि समान हो, किन्तु जन्म नक्षत्र भिन्न हो।

6. यदि चन्द्र राशि वर/वधू दोनो की एक ही ग्रह द्वारा शासित हो, तो एकाधिपत्य होने के कारण नाड़ी दोष स्वतः ही निरस्त हो जाएगा।