वैदिक अंकशास्त्र बहुत ही विस्तार से समझने की जरूरत होती है। हर अंक अपने पीछे आपसे जुड़ी हुई कुछ न कुछ चीजें छुपाए हुए हैं। मूलांक की तरह ही भाग्यांक भी होता है जो आपके जन्म से जुड़ा होता है। भाग्यांक किसी के व्यक्तित्व, चरित्र, व्यवहार के साथ ही उसके भविष्य के बारे में भी सटीक जानकारी देता है। मूलांक और भाग्यांक में थोड़ा सा अंतर है या ये कहें की मूलांक का विस्तारित रूप ही भाग्यांक है तो सही होगा।
मूलांक जन्म तिथि का जोड़ होता है, जबकि भाग्यांक जन्म तिथि, जन्म के माह और जन्म वर्ष का जोड़ होता है। इसलिए इससे जो भाग्यांक निकलता है वह आपके बारे में सटीक जानकारी देता है। तो आइए आज भाग्यांक निकालना जाने और यह भी कि किस भाग्यांक का भाग्योदय किस वर्ष की आयु में होता है ताकि आप उस वर्ष में अपनी विशेष मेहनत कर उसका भरपूर लाभ उठा सकें।
ऐसे निकालनें अपना भाग्यांक
यदि आपका जन्म 22 मई 2019 को हुआ है तो आप अपना भाग्यांक ऐसे निकालेंगे। 2+2=4+5=9+2+0+1+9=21यानी 2+1=3 इसका मतलब आपका भाग्यांक 3 हुआ। सीधे तौर से इस तरह समझें कि अपने जन्म तारीख को जोड़े, उसके अपने जन्म माह को जोड़ें फिर उसमें अपने जन्म साल को जोड़ दें। जो मूलांक आएगा उसे भी जोड़ दें। यही मूलांक आपका भाग्यांक होगा।
भाग्यांक से जाने किस वर्ष में आपके लिए खुलेगा भाग्य का दरवाजा
भाग्यांक 1: जिनका मूलांक एक होता है उनका प्रतिनिधि ग्रह सूर्य होता है और सूर्य से वह विशेष रूप से प्रभावित होते है। ये जब 22वें और 34वें साल में प्रवेश करते हैं तो इनका भाग्योदय होता है। इन सालों में यह बहुत से बेहतर मौके खुद को आगे बढ़ाने के लिए पाते हैं। यह वर्ष इनकी सफलता के मार्ग खोलता है।
भाग्यांक 2: भाग्यांक दो का प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा है। इस भाग्यांक के लिए दो बार भाग्योदय का मौका मिलता है। पहला 24वां और 38वां साल इनके लिए विशेष फलदायी होता है। इन सालों में उन्हें आर्थिक मजबूती भी मिलती है। इसलिए अपने भाग्योदय काल में अपनी लगन और मेहनत को और बढ़ाना चाहिए।
भाग्यांक 3 और 5: ये दोनों भाग्यांक बृहस्पति और बुध ग्रह से प्रभावित होते हैं। इन दोनों भाग्यांकों के लिए जीवन का 32वां साल बेहद महत्वपूर्ण होता है। ये साल उनकी सफलता का साल होता है। इन्हें अपने जीवन के 32वें साल में आर्थिक, सामाजिक और व्यावसायिक रूप से सफलता मिलती है और ये बहुत ऊंचाई तक जा सकते हैं बस इनका मन किसी गलत दिशा में नहीं भटकना चाहिए।
भाग्यांक 4: जिनका भाग्यांक चार है उनके लिए 36वें साल में बड़ी सफलता मिलने की संभावना रहती है। खास बात यह है कि इस भाग्यांक के लोग राहु से प्रभावित होते हैं और राहु इन्हें वर्ष के 36वें साल बड़ी-से-बड़ी बाधाओं को भी आसानी से पार कर लेने का मार्ग देता है और ये उच्चासीन होते हैं जहां चाहते हैं।
भाग्यांक 6: शुक्र से प्रभावित भाग्यांक छह वालों को 25वें साल में अच्छी सफलता मिलती है। 25 के बाद इन्हें ये मौका 27 वें और 32वें वर्ष में भी मिलता है। ये सुख-संपदा,धन वैभव सब कुछ भाग्योदय काल में आर्जित कर सकते हैं।
भाग्यांक 7: केतु से प्रभावित होने के कारण इन जातकों को सफलता मिलने में कई बार देर लगती है। हालांकि 20वें साल में उन्हें कई अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं, लेकिन केतु से पीड़ित होने के कारण अक्सर ये इनका लाभ नहीं उठा पाते। पर 30वां साल इनके लिए हर तरह से भाग्यशाली साबित होता है। इसके अलावा 38वां और 44वां साल भी इन्हें बड़ी सफलता देते हैं।
भाग्यांक 8: शनि से प्रभावित इस भाग्यांक के जातकों का भाग्योदय काल उनकी उम्र का 36वां और 42वां साल होता है। ये वर्ष इनके लिए बेहद भाग्यशाली होता है। ये आर्थिक दृष्टी से ही नहीं पद प्रतिष्ठा से भी आपको उच्च स्थान दिलाएगा।
भाग्यांक 9: भाग्यांक 9 का प्रतिनिधित मंगल ग्रह करता है। ऐसे जातकों के लिए उनके वर्ष का 28वां साल प्रसिद्धि और सम्मान देने वाला होता है। इतना ही नहीं ये जिस भी काम में हाथ डालते हैं उसे पूरा कर ही लेते हैं। यह साल इनके जीवन में बेहद महत्वपूर्ण साबित होता है और वो जो भी चाहते हैं, उसे हासिल कर लेते हैं।